पूरा विश्व अभी कोरोना वायरस को लेकर चिंतित है, वायरस के नये वैरिएंट डेल्टा (Delta) और डेल्टा प्लस (Delta Plus) ने दुनिया के सामने एक नयी चुनौती पेश कर दी है. भारत के लिए भी यह वैरिएंट चिंता का कारण बन गया है. डेल्टा वैरिएंट विश्व में सबसे पहले भारत में ही देखा गया है. डेल्टा वैरिएंट म्यूटेशन के बाद डेल्टा प्लस में बदल गया है, इसके केस अभी नौ देशों में मिले हैं.
भारत में आज तक डेल्टा प्लस के 40 मरीज मिल चुके हैं. डेल्टा प्लस को लेकर चिंता इसलिए जतायी जा रही है कि यह इंसानी शरीर के इम्यूनिटी को धोखा देकर भी लोगों को संक्रमित कर रहा है. यही वजह है कि विशेषज्ञ डेल्टा प्लस वैरिएंट पर और ज्यादा रिसर्च करने पर जोर दे रहे हैं.
डेल्टा (B.1.617.2) वैरिएंट इसी वर्ष सबसे पहले भारत में पाया गया. इस वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है.डेल्टा प्लस (B.1.617.2.1/(AY.1) डेल्टा वैरिएंट का म्यूटेशन है इसलिए इसे भी चिंता का कारण माना जा रहा है. भारत में पाए गए डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में एक्सर्ट्स के पास बहुत कम जानकारी है. भारत के कोविड जीनोम सिक्वेसिंग संघ के अनुसार, AY.1 मामले ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के नौ देशों से सामने आये हैं.
डेल्टा प्लस के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह इम्यून सिस्टम को धोखा देकर शरीर में प्रवेश कर जाता है. वहीं वैक्सीन लेने वाले इस वैरिएंट से कितना सुरक्षित हैं, यह जांच का विषय है. लेकिन कहा यह जा रहा है कि इससे बचाव के लिए वैक्सीन का दोनों डोज लेना बहुत जरूरी है. डेल्टा और डेल्टा वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन द्वारा अंतर किया जा रहा है, जो डेल्टा प्लस वेरिएंट में है.
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कोरोना का डेल्टा वैरिएंट भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना था. यह काफी तेजी से संक्रमण फैलाता है. यूके में भी डेल्टा का कहर बरपा था. अब डेल्टा प्लस के बारे में ऐसी आशंकाएं जतायी जा रही हैं कि यह देश में तीसरी लहर का कारण बन सकता है. यही वजह है कि कोरोना वैक्सीनेशन को तेजी से बढ़ाया जा रहा है.
Posted By : Rajneesh Anand