मुंबई : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग मुसलिम व्यक्ति के साथ कथित हमले का वीडियो साझा करने के मामले में पत्रकार राणा अयूब को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को चार सप्ताह के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग मुसलिम व्यक्ति के साथ कथित हमला करने के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था.
गाजियाबाद में लोनी पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीडी नाइक की एकल पीठ ने चार सप्ताह के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी.
मालूम हो कि अन्य लोगों के साथ पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझ कर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने और बयान के तहत दंडनीय अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
पत्रकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने कहा कि आवेदक महाराष्ट्र की निवासी है और पुरस्कार विजेता पत्रकार है. प्राथमिकी केवल सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड किये जाने के आधार पर दर्ज की गयी है, जिसे कई लोगों द्वारा प्रसारित किया गया था.
साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि प्राथमिकी के तथ्यों के सामने आने पर पत्रकार ने ट्वीट को भी हटा दिया था. उन्होंने बताया कि पत्रकार अयूब की रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई है और वह दर्द से पीड़ित है. अयूब ने प्राथमिकी को लेकर गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
अदालत ने सशर्त चार सप्ताह की अग्रिम जमानत दे दी है. हालांकि, जमानत की ये अवधि अस्थायी है. वहीं, गिरफ्तारी की स्थिति में आवेदक को एक या अधिक जमानतदारों के साथ 25 हजार रुपये के पीआर बांड पर जमानत दिया जायेगा.