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Jharkhand Cyber Crime News : साइबर क्रिमिनल लगातार बदल रहे ठगी का ट्रेंड, पुलिस को चकमा देने के लिए ट्रेनिंग और वर्कशॉप तक से सीख रहे गुर

Jharkhand Cyber Crime News (जमशेदपुर) : इन दिनों साइबर क्रिमिनल लगातार ठगी का ट्रेंड बदल कर लोगों के खातों से रुपये उड़ा रहे हैं. पहले OTP लेकर बैंक से रुपये निकालने वाले साइबर क्रिमिनल अब बिना OTP के भी रुपये उड़ा रहे हैं. लोगों को ठगी का एहसास तब होता है जब उनके मोबाइल पर SMS आता है. ठगी के तरीकों को जानने और पुलिस को चकमा देने के लिए साइबर क्रिमिनल प्रशिक्षण और कार्यशाला तक का आयोजन करते हैं. इसके बाद नये ट्रेंड के साथ ठगी को अंजाम दिया जाता है.

Jharkhand Cyber Crime News (निखिल सिन्हा, जमशेदपुर) : इन दिनों साइबर क्रिमिनल लगातार ठगी का ट्रेंड बदल कर लोगों के खातों से रुपये उड़ा रहे हैं. पहले OTP लेकर बैंक से रुपये निकालने वाले साइबर क्रिमिनल अब बिना OTP के भी रुपये उड़ा रहे हैं. लोगों को ठगी का एहसास तब होता है जब उनके मोबाइल पर SMS आता है. ठगी के तरीकों को जानने और पुलिस को चकमा देने के लिए साइबर क्रिमिनल प्रशिक्षण और कार्यशाला तक का आयोजन करते हैं. इसके बाद नये ट्रेंड के साथ ठगी को अंजाम दिया जाता है.

KYC Update कराने के नाम पर ठगी

हाल के दिनों में साइबर क्रिमिनल KYC Update कराने और फोन नंबर बंद होने के नाम पर लोगों से ठगी करने का नया तरीका अजमा रहे हैं. कई बार सरकारी अधिकारी बन कर रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. अलग- अलग बैंक और मोबाइल नंबर का KYC Update कराने के नाम पर इन दिनों ठगी की जा रही है. इस प्रकार की ठगी के 15 दिनों में औसतन 3-4 मामले साइबर थाना में जरूर दर्ज हो रहे हैं.

पहले फोन कर KYC Update कराने को कहा जाता है. ऐसा नहीं करने पर फोन नंबर या बैंक खाता बंद होने की बात कह कर डराया जाता है. उसके बाद मोबाइल नंबर पर लिंक भेज कर 10 रुपये रजिस्ट्रेशन के लिए जमा कराने को कहा जाता है. इसके कुछ देर बाद ही बैंक खाता से रुपये की निकासी कर ली जाती है.

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UPI पर रुपये भेजकर ठगी

साइबर क्रिमिनल पहले किसी नंबर को टारगेट कर UPI पर कुछ रुपये भेजते हैं. उसके बाद फोन कर जानकारी देते हैं कि उनके नंबर पर गलती से रुपये चले गये हैं. उन्हें वापस कर दिया जाये. इसके लिए लिंक भेजा जाता है. जैसे ही मोबाइल नंबर धारक लिंक को एक्सेस करता है उससे बैंक खाता का डिटेल्स साइबर क्रिमिनल के पास चला जाता है. इसके बाद साइबर क्रिमिनल रुपये की निकासी कर ली जाती है.

कैशबैक के नाम पर ठगी

लॉकडाउन में ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट के लिए गूगल पे, पेटीएम सहित कई एप लोग डाउनलोड कर रहे हैं. साइबर क्रिमिनल फोन नंबर पर कैश बैक का मैसेज भेजते हैं. उससे जुड़े लिंक पर ग्राहक को अधिक रुपये मिलने का लालच दिया जाता है. उसके झांसे में आकर लोग लिंक को खोलते हैं और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर्ड बैंक खाता की जानकारी ठग तक पहुंच जाती है. इसके बाद रुपये की निकासी कर ली जाती है.

फेसबुक हैक कर मैसेंजर पर मांगते हैं रुपये

इन दिनों फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर मैसेंजर से सहयोग के नाम पर रुपये की मांग की जा रही है. रुपये की मांग करने वाला खुद को काफी जरूरतमंद बताता है. अधिकांश मामलों में बीमारी और इलाज की बात कही जाती है. इस ट्रेंड से भी कई लोगों से ठगी की गयी है. DGP, DIG समेत कई बड़े पुलिस अधिकारियों के नाम से सहयोग मांगा गया है.

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रहें सावधान, इसका रखें ध्यान

– OTP नंबर किसी के साथ शेयर ना करें
– फोन पर किसी तरह का अपडेट बिना जांच के नहीं करें
– फोन पर किसी से बैंक डिटेल साझा नहीं करें
– मोबाइल पर आने वाले अनचाहे लिंक को नहीं खोले
– कैशबैक के चक्कर में ना पड़ें
– गूगल से कस्टमर केयर का नंबर चुनने में सावधानी रखें

Posted By : Samir Ranjan.

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