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International Yoga Day 2021: किन रोगियों को कौन से योगाभ्यास नहीं करने चाहिए, जानें योग से पहले और बाद का डाइट, सही समय व तरीका

International Yoga Day 2021, Yoga Tips And Tricks, How To Do, How Many Times A Day, How To Start, Time Duration, Precautions: योग करते हुए सही मुद्रा और आसन का ध्यान रखना जरूरी है. अगर आपका आसन सही नहीं है, तो इसका गलत असर भी हो सकता है. योग का फायदा तभी होगा, जब तरीका सही होगा. योग का हर आसन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं. योग माइग्रेन, दिल की बीमारी और अवसाद जैसी कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है, बशर्ते उसे तकनीकी ढंग से किया जाये.

International Yoga Day 2021, Yoga Tips And Tricks, How To Do, How Many Times A Day, How To Start, Time Duration, Precautions: योग करते हुए सही मुद्रा और आसन का ध्यान रखना जरूरी है. अगर आपका आसन सही नहीं है, तो इसका गलत असर भी हो सकता है. योग का फायदा तभी होगा, जब तरीका सही होगा. योग का हर आसन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं. योग माइग्रेन, दिल की बीमारी और अवसाद जैसी कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है, बशर्ते उसे तकनीकी ढंग से किया जाये.

इन लोगों को भूल कर भी नहीं करना चाहिए योग

सिजेरियन करा चुकी महिलाएं 6 महीने तक योगासन न करें, तो बेहतर है. जिन्हें किसी अंग का ट्रांसप्लांट हुआ है, वे एक महीने बाद डॉक्टर की सलाह से योगासन या व्यायाम कर सकते हैं. बाईपास सर्जरी के मरीज खान-पान का ध्यान रखते हुए एक महीने के बाद योगगुरु की देखरेख में प्राणायाम व योगाभ्यास शुरू कर सकते हैं.

किन रोगियों को योगाभ्यास नहीं करना चाहिए

योगाभ्यास करने से पहले अपनी शरीर की स्थिति की जांच जरूर करें, क्योंकि कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनमें योगासन करने से नुकसान हो सकता है. अल्सर, कोलाइटस, हार्निया जैसी बीमारियों में पीछे झुकनेवाले आसन नहीं करने चाहिए. इसी तरह स्पाइनल प्रॉब्लम, सर्वाइकल दर्द, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों में आगे झुकने वाले आसन न करें. उच्च रक्तचाप, हृदय की समस्याएं हैं, तो बहुत जोर लगाकर कोई योगासन न करें. सिरदर्द हो तो कठिन आसन न करें. जुकाम, बुखार, दस्त, मासिक धर्म की अवस्था में योगासन बिल्कुल न करें. आर्थराइटिस मरीज जम्पिंग योगासन न करें, कठिन योगाचार्य की देख-रेख में ही योगासन करना उचित है.

योगाभ्यास करने का सबसे सही समय

योगाभ्यास करने का सबसे सही समय सुबह माना जाता है, क्योंकि सुबह हम कम से कम 6 घंटे खाली पेट रहते हैं. हालांकि योगाभ्यास के लिए दिन में 4 टाइम बताये हैं- प्रातःकाल, सायंकाल, रात में खाने से पहले, अर्द्धरात्रि. सूर्योदय या ब्रह्ममुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस दौरान पेट हल्का रहता है और नींद लेने के बाद शरीर काफी रिलैक्स होता है. शौच आदि के बाद योग करने से ज्यादा लाभ मिलता है.

योगाभ्यास के पहले और बाद में क्या करें क्या नहीं

योगाभ्यास के आधा-एक घंटा पहले और बाद में कुछ खायें-पीयें नहीं. इस दौरान शरीर में उष्मा का स्तर बढ़ जाता है और पानी पीने से उष्मा के स्तर में तेजी से गिरावट आती है, जिससे एलर्जी, सर्दी-जुकाम हो सकता है. नहाना हो तो एक घंटा बाद बाद नहाएं.

मैट, चटाई या दरी पर ही क्यों योगाभ्यास करना चाहिए

योगाभ्यास मैट, चटाई या दरी पर ही करें, क्योकि योग करते हुए शरीर से ऊर्जा निकलती है. जमीन पर योगासन करने से पृथ्वी की ऊर्जा और शरीर की ऊर्जा से शरीर में असंतुलन होने का खतरा रहता है.

तनाव में न करें योग

योगाभ्यास प्रसन्न मन से करें, तनाव में न करें. फोन को परे रखें, आपस में बात न करें. एकांत मन से योग करें. योग मानसिक तौर पर अधिक जुड़ा है, इसलिए इसे पूरी चेतना के साथ करने से ही लाभ मिल पाता है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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