बिहार में पंचायत चुनाव लड़नेवाले त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रत्याशियों के लिए कोरोना का टीकाकरण लेने अनिवार्य हो जायेगा. राज्य में मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति और जिला परिषद के छह पदों के करीब ढ़ाई लाख पदों पर राज्यभर में करीब 10 लाख प्रत्याशी अपना किस्मत आजमाते हैं.
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पंचायती राज के छह में से किसी भी पद पर प्रत्याशी होने के लिए आवश्यक है कि वह उम्मीदवार कोरोना का टीकाकरण करा ले. इसको लेकर उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि पंचायत चुनाव लड़नेवाले वैसे प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रद्द कर दिया जाये जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लिया है.
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि चुनाव के पहले राज्य में एक जवाबदेह प्रतिनिधि होने के नाते हर प्रत्याशी को अपना टीकाकरण करा लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के लिए निर्वाचित होनेवाले जनप्रतिनिधियों को कोरोना महामारी के नियंत्रण में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है. उनको कोरोना का प्रचार-प्रसार से लेकर, सैनेटाइजेशन, मास्क का वितरण और कोविड बेड सहित कई प्रकार की जिम्मेदारियां दी गयी है.
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राज्य में कोरोना महामारी में जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही को देखते हुए यह टीकाकरण में उनकी भूमिका अनिवार्य हो गयी है. श्री चौधरी ने बताया कि पंचायती राज प्रत्याशियों के न सिर्फ अपना टीकाकरण कराना अनिवार्य होगा बल्कि उनको सामाजिक जिम्मेदारी के तहत अपने मतदाताओं के साथ परिवार में माता-पिता, पत्नी और टीका के योग्य बेटे-बेटियों का टीकाकरण करना चाहिए.
मालूम हो कि दिसंबर के पहले राज्य में त्रि स्तरीय पंचायत का आम निर्वाचन कराया जाना है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के इस निर्देश के बाद राज्य में टीकाकरण की और गति मिलेगी. राज्य निर्वाचन आयोग नवंबर के आसपास बिहार में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में है. आयोग इस चुनाव के लिए इवीएम का इंतजाम भी शुरू कर चुकी है. वहीं बाढ़ और कोरोना के संभावित तीसरे लहर ने एक नयी चुनौती सामने रख दी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan