कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन ही एक बड़ा हथियार है . विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में वैक्सीन की रफ्तार को और तेज करने के लिए भारत और सीरम इंस्टीट्यूट से मदद मांगी है. दुनिया भर के कई देशों में वैक्सीन की कमी है जिसकी वजह से लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है.
कई देश में वैक्सीन की कमी का आलम यह है कि कई लोगों को पहले डोज के बाद दूसरा डोज नहीं मिल पा रहा है सीरम इंस्टीट्यूट एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन का विश्व में सबसे बड़ा निर्माता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए मदद करने की अपील की है.
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डब्ल्यूएचओ डायरेक्टर जनरल के वरिष्ठ सलाहकार ब्रूस एल्वार्ड ने वैक्सीन की समस्या को सामने रखते हुए बताया कि कई देशों में कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है जबकि दूसरे डोज के लिए वैक्सीन नहीं है.
30 से 40 देश ऐसे हैं जहां वैक्सीन की कमी है. वैक्सीन की इस कमी को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत सरकार और सीरम इंस्टीट्यूट से मदद की अपील की है. ब्रूस एल्वार्ड ने बताया कि अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के देशों में वैक्सीन की ज्यादा किल्लत है इसे जल्द से जल्द दूर किये जाने की आवश्यकता है.
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भारत दुनिया भर में वैक्सीन की खपत को दूर कर रहा है. ज्यादातर देशों को भारत से ही वैक्सीन जा रही है. भारत में कोरोना वैक्सीन की दूसरी लहर आने के बाद कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर कई देशों से खबरें आ रही है. वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार एस्ट्रोजेनेका-सीरम के साथ बातचीत हो रही है. संभव है कि जल्द ही वैक्सीन का शिपमेंट जल्द शुरू किया जा रहा है .