पटना. राज्य में भले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या घट गयी हो, लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग के निदेशालय आइसीडीएस ने सेविका – सहायिका को घर-घर जाने का गाइडलाइन जारी किया है.
जिसमें सेविका-सहायिका को निर्देश दिया गया है कि गृह भ्रमण के दौरान अगर किसी व्यक्ति में कोरोना का लक्षण दिखे, तो उसे तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था करें, ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव नहीं हो.
वहीं, गर्भवती व बच्चों का अलग से ब्योरा तैयार करें. वहीं, निदेशक आलोक कुमार ने कहा है कि गृह भ्रमण के दौरान पहले लोगों की बातों को ठीक से सुने, समझें तक अपनी राय दें.
ऐसा करने से कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों को बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में लाभार्थी को मेडिसिन नहीं दिया जायेगा और ना ही किसी दवा के बारे में सलाह देना है.
कोरोना की तीसरी लहर की बात हो रही है. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा अधिक जरूरी है और आंगनबाड़ी केंद्र के लाभार्थी जैसे अति कुपोषित बच्चे संवेदनशील श्रेणी में ही आते हैं.
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कोरोना में महिलाएं बच्चों को भ्रांतियों के कारण अपना दूध नहीं पिलाती है. ऐसी महिलाओं को जागरूक करना है, ताकि वह बच्चों को दूध पिलाती रहें. अगर मां को बुखार व खांसी है, तो उन्हें यह बताएं कि वह दूध कैसे पिलाये.
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घर-घर स्क्रीनिंग में यह बताना है कि अगर घर में एक भी कोरोना संक्रमित है, तो उस दौरान बच्चों की निगरानी कैसे की जाये.
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चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों के पोषण स्तर की आंगनबाड़ी सेविका निगरानी करेंगी और प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से बच्चे के घर जाकर उनका वजन करेंगी. साथ ही पोषण ट्रैकर में भी दर्ज करेंगी.
Posted by Ashish Jha