गुमला : सीएम साहब, ये आपके राज्य की सड़क है, कब बनेगी? यह सवाल, आम जनता का है. रायडीह प्रखंड के परसा, सिकोई, कांसीर, ऊपरखटंगा पंचायत व गुमला शहर के कुछ हिस्से में रहने वाली 25 हजार आबादी वर्षों से इस सड़क की जर्जर स्थिति से परेशान हैं. बारिश में जान हथेली पर रख कर सफर करते हैं. गुमला शहर के करमटोली, बांसडीह से लेकर परसा होते हुए कांसीर तक 26 किमी पक्की सड़क जर्जर स्थिति में है. अभी बारिश में पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील हो गयी है.
बांसडीह घाटी सबसे खतरनाक है. इस रास्ते में तीन साल पहले तीन पुलिया ध्वस्त हुई थी. वह भी नहीं बनी. हालांकि प्रशासन ने भ्रष्टाचार का खेल जारी रखते हुए 95 हजार रुपये का डायवर्सन बनवाया. वह भी खतरनाक है. रात के अंधेरे में यहां हादसा होने का डर है. हालांकि प्रशासन के अनुसार पीडब्ल्यूडी गुमला (पथ निर्माण विभाग) ने 26 किमी सड़क बनाने के लिए 46 करोड़ रुपये का प्राक्कलन बनाकर विभाग को सौंप दिया है.
साथ ही सड़क बनाने की तकनीकी स्वीकृति भी मिल गयी है. परंतु उक्त सड़क को बनाने के लिए अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल पा रही है. जिस कारण उबड़, खाबड़ व कच्ची मिट्टी की सड़क को पक्कीकरण करने का मामला फंसा हुआ है. जबकि पीडब्ल्यूडी विभाग प्रशासनिक स्वीकृति लेकर उक्त सड़क को बनवाने के लिए बीते तीन सालों से लगा हुआ है.
परंतु सरकार के स्तर से ही सड़क को बनाने में मदद नहीं मिल रही है. सड़क नहीं बनने के कारण करमटोली से लेकर कांसीर तक कि करीब 25 हजार आबादी प्रभावित है. क्योंकि वर्तमान समय में सड़क की जो स्थिति है. यहां चलना मुश्किल है. जगह-जगह गड्ढे हैं. जहां संभल कर सफर करना पड़ता है. ग्रामीणों ने कई बार सड़क बनाने की मांग की. परंतु पीडब्ल्यूडी विभाग को छोड़ दिया जाये तो जिले के वरीय अधिकारियों ने भी इस सड़क को बनाने में कभी दिलचस्पी नहीं दिखायी. न ही सरकार जनहित को देखते हुए उक्त सड़क को बनवाने की पहल कर रही है.