पटना. नवगठित नये नगर निकायों में जल्द वार्ड गठन का काम भी शुरू कर किया जायेगा. इसके लिए नव गठित नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी परिसीमन कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. जिसे जिलाधिकारी के पास भेजा जायेगा. जिलाधिकारी स्तर से दावा- आपत्ति निवारण के बाद रिपोर्ट नगर विकास व आवास विभाग तक आयेगी. फिर विभाग स्तर से इस पर अधिसूचना जारी होगी. तब जाकर वार्ड गठन की प्रक्रिया पूरी होगी.
फिलहाल नये निकायों में कार्यालय खुलने के साथ ही इस प्रक्रिया को पूरा करने का काम शुरू किया जा रहा है. इसमें नियम के अनुसार एक हजार से 12 सौ की जनसंख्या पर एक वार्ड का सृजन किया जायेगा.
नगर निकायों में अगले वर्ष चुनाव किये जायेंगे. इस बार 142 नगर निकायों के अलावा नवगठित 117 से अधिक निकायों में चुनाव होंगे. ऐसे में नये निकायों में वार्ड गठन की प्रक्रिया पहले पूरी की जानी है, ताकि वार्ड पार्षद का चुनाव हो सके.
खास बात है कि निकायों के चुनाव के बाद ही निकाय में तीसरे स्तर की सरकार का गठन किया जा सकेगा. उससे पहले इन नये निकायों में आसपास के बड़े निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी को अतिरिक्त प्रभार के साथ जिम्मेदारी दी गयी है.
दरअसल, एक नगर पंचायत को 12 हजार से लेकर 40 हजार व एक नगर पर्षद को 40 हजार से लेकर दो लाख और दो लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर को नगर निगम बनाया जाता है. एेसे में एक नगर पंचायत में औसत रूप में कम- से -कम 12 वार्ड होने हैं, जबकि नगर पर्षद में कम -से -कम 40 वार्ड बनाये जायेंगे. हालांकि, कई ग्राम पंचायतों को 12 हजार से कम जनसंख्या होने के बाद भी नगर पंचायत बनाया गया है. ऐसे में कई नगर पंचायत में वार्डों की संख्या 12 हजार से कम भी होगी.
वर्तमान में विभाग की ओर से 109 नयी नगर पंचायत, आठ नये नगर पर्षद, 32 नगर पंचायतों को नगर पर्षद में उत्क्रमण, पांच नगर पर्षद को नगर निगम में और 12 नगर निकायों के क्षेत्र में विस्तार किया गया है. कुल 166 अधिसूचनाएं जारी हो चुकी हैं, जो अब प्रभावी हैं.
Posted by Ashish Jha