शिक्षा विभाग ने निगरानी जांच के दायरे में आये नियोजित शिक्षकों को दस्तावेज उपलब्ध कराने का अंतिम मौका 21 जून से 20 जुलाई तक दिया है. इस अवधि में इन शिक्षकों को विशेष पोर्टल पर अपने शैक्षणिक, अनुभव और प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2006 से 2015 के बीच हुई है.
इससे पहले शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों में से करीब 93 हजार शिक्षकों के नाम विभाग की विभिन्न वेबसाइटों और एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिये हैं. शेष करीब 10 हजार शिक्षकों के नाम अभी अपलोड होने बाकी रह गये हैं. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है. इन शिक्षकों को अपने दस्तावेज अपलोड करने हैं.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक निर्धारित समय सीमा में ये शिक्षक अपने प्रमाणपत्राें को अपलोड नहीं करेंगे, तो माना जायेगा कि उनकी नियुक्ति की वैधता के संबंध में उन्हें कुछ नहीं कहना है. ऐसी स्थिति में उनकी नियुक्ति को प्रथमदृष्टया अवैध मानते हुए संबंधित नियोजन इकाई के माध्यम से उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी. साथ ही अब तक मिले वेतन की वसूली की जायेगी.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने निर्देश में संबंधित शिक्षकों से कहा है कि शिक्षा विभाग की वेबसाइट state.bihar.gov.in/educationbihar/citizenHome.html पर उपलब्ध appsonline.bih.nic.in लिंक के माध्यम से जिलावार अपलोड किये गये शिक्षकों के नामों की सूची दी गयी है. उनमें नाम देख कर पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करेंगे. रजिस्ट्रेशन के बाद प्राप्त यूजर आइडी और पासवर्ड से लॉक इन कर पोर्टल में उपलब्ध प्रपत्र में आवश्यक जानकारी भरन होगी.
– मैट्रिक और इंटर के मार्क्सशीट व प्रमाणपत्र
– स्नातक के मार्क्सशीट व प्रमाणपत्र
-शिक्षण प्रशिक्षण के मार्क्सशीट और प्रमाणपत्र
-दक्षता परीक्षा या टीइटी उत्तीर्णता प्रमाणपत्र
-20% वेटेज के लिए अनुभव प्रमाणपत्र
-मेधा सूची ,नियुक्ति पत्र, जाति प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र
करीब पांच साल पहले शिक्षा विभाग को सूचना मिली की बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षकों ने नाैकरी ले ली है. पटना हाइकोर्ट ने मामले में जांच का जिम्मा निगरानी को दे दिया. निगरानी जांच के दायरे में आये तीन लाख से अधिक शिक्षकों में से दो लाख से अधिक शिक्षकों ने प्रमाणपत्र उपलब्ध करा भी दिये हैं. उनके दस्तावेजों की जांच के दौरान करीब 1500 से अधिक शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज करायी जा चुकी है. लेकिन एक लाख से अधिक शिक्षकों के दस्तावेज नियोजन इकाइयों ने गायब बता दिये हैं. ऐसे में विभाग ने उन दस्तावेजों को उपलब्ध कराने की जवाबदेही सीधे शिक्षकों पर डाल दी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan