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दिल्ली दंगा : पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तिहाड़ जेल से रिहा

Northeast Delhi Violence नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा मामले में आरोपी पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल गुरुवार को तिहाड़ जेल से रिहा होकर बाहर आ गए है. 15 जून को दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश पर आज पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा कर दिया गया. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल के अंदर जबरदस्त समर्थन मिला और उनका संघर्ष जारी रहेगा.

Northeast Delhi Violence नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा मामले में आरोपी पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल गुरुवार को तिहाड़ जेल से रिहा होकर बाहर आ गए है. 15 जून को दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट के आदेश पर आज पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को रिहा कर दिया गया. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल के अंदर जबरदस्त समर्थन मिला और उनका संघर्ष जारी रहेगा.

पिंजरा तोड़ मुहिम की कार्यकर्ता नरवाल ने कहा कि जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब उन्हें यह यकीन करने में कई महीने लग गये कि वे इस तरह के कठोर आरोपों में जेल में कैद हैं. हिंसा भड़काने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 जून को पिंजड़ा तोड़ मुहिम की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर तीन हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दी है. नताशा के वकील ने पिता महावीर नरवाल की मौत के आधार पर जमानत मांगी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने नताशा के अलावा आसिफ इकबाल तन्हा और देवांगना कालिता को भी जमानत दे दी है. तीनों छात्र कार्यकर्ताओं को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था.

बता दें कि 24 फरवरी 2020 को संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में दो गुटों में जबर्दस्त हिंसा हुई थी. दिल्ली की साम्प्रदायिक हिंसा में 53 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. जबकि, 200 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस मामले में खालिद, इशरत जहां, ताहिर हुसैन, मीरान हैदर, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, आसिफ इकबाल तन्हा और शिफा उर रहमान आरोपी हैं. ये इस समय न्यायिक हिरासत में थे.

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