Gap Between Two Doses Of Covishield Vaccine सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के बीच गैप बढ़ाकर 84 दिन किए जाने पर कई सवाल उठ रहे हैं. कोरोना टीकाकरण अभियान की निगरानी करने वाले राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group on Immunization) के सदस्य डॉ जयप्रकाश मुलियिल ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में डॉ जयप्रकाश मुलियिल ने कहा कि हम सभी कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक के बीच की अवधि बढ़ाने पर सहमत हुए है और इसको लेकर कोई विवाद नहीं है.
वहीं, भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच के गैप को बढ़ाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए सरकार ने कहा है कि ये फैसला साइंटिफिक सबूतों के आधार पर पारदर्शी तरीके से लिया गया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ट्विट कर कहा है कि आंकड़ा के मूल्यांकन के लिए भारत के पास एक मजबूत तंत्र है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है. बता दें कि 13 मई को केंद्र सरकार ने कोविड वर्किंग ग्रुप के सुझाव को मानते हुए कोविशील्ड के दो डोज के बीच के गैप को 6-8 हफ्तों से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया था.
There is no controversy. All of us agreed on increasing duration between 1st & 2nd dose: Epidemiologist Dr Jayaprakash Muliyil, a core member of National Technical Advisory Group on Immunization (NTAGI), speaks to ANI, regarding doubling gap b/w two doses of Covishield vaccine
— ANI (@ANI) June 16, 2021
इन सबके बीच, एनटीएजीआई (NTAGI) के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि वैक्सीन की खुराक के बीच अंतराल को बढ़ाने का फैसला एडिनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में वैज्ञानिक कारणों पर आधारित है. यूनाइटेड किंगडम के स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा इस साल अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए अरोड़ा ने बताया कि बारह हफ्तों का गैप होने से वैक्सीन की प्रभावशीलता 65 से 88 फीसदी के बीच होती है.
बता दें कि शुरूआत में सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 28 दिन का अंतर रखा गया था. इसके बाद इसे बढ़ाकर 6 हफ्ते का गैप कर दिया गया. फिर मई में सरकार ने एक बार फिर इसमें बदलाव किया और गैप को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया. इसे लेकर विपक्षी दलों से लेकर कई लोगों ने सरकार को कटघरे में खड़ा और तरह-तरह के बयान दिए. लेकिन, अब इसपर सरकार की ओर से लगातर सफाई दी जा रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी अपना बयान दिया है और कहा कि निर्णय पारदर्शी तरीके से लिया गया है.
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