पटना. बिहर में मॉनसून की अति सक्रियता अब संकट में तब्दील होती जा रही है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पटना ने आगामी 48 घंटे में पूरे बिहार विशेषकर उत्तर बिहार में भारी बारिश का अनुमान जारी किया है. शेष बिहार में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है.
आइएमडी ने चेतावनी दी है कि इस दौरान जान-माल का नुकसान भी हो सकता है. निचले इलाके में जलजमाव, यातायात, दूरसंचार और बिजली सेवा भी बाधित होने की आशंका है. नदियों में उफान आने से उनके जल स्तर में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी की आशंका है.
आइएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में मॉनसून को और अधिक प्रचंड रूप में बदलने के लिए तीन विशेष मौसमी बदलाव जिम्मेदार हैं. उत्तर-पश्चिमी झारखंड और उससे सटे बिहार के इलाके में निम्न दाब का केंद्र बना हुआ है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के इलाके में भी चक्रवात दबाव बनाये हुए है. इसके अलावा एक ट्रफलाइन भी बिहार से होकर गुजर रही है. खासतौर पर पश्चिमी बिहार में रेड अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि तेज गर्जना के साथ वज्रपात भी संभव है. लिहाजा, बिजली चमकते ही पक्के मकान की शरण लेना उचित होगा. किसी भी कीमत पर कच्चे मकान और पेड़ की ओट में खड़ा रहना खतरनाक हो सकता है.
मंगलवार को पूरे बिहार में अच्छी-खासी बारिश दर्ज की गयी है रामनगर व चनपटिया में 280 मिलीमीटर, बगहा में 210 मिलीमीटर, गौनाहा में 160 मिलीमीटर और केसरिया में 130 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. चनपटिया और रामनगर में 24 घंटे में हुई यह अब तक की रिकार्ड बारिश है.
फिलहाल बिहार में 15 जून की सुबह साढ़े आठ बजे तक पूरे प्रदेश में सामान्य से 92% अधिक बारिश दर्ज की गयी है. बिहार में अब तक 111 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. फिलहाल मॉनसून की अति सक्रियता के चलते दिन और रात का तापमान सामान्य से काफी नीचे चल रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल व गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में 24 घंटे से हो रही भारी बारिश को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठक की. उन्होंने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया कि वह अपने सभी इंजीनियरों को बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित स्थलों पर पूरी तरह से अलर्ट रखे. ताकि तटबंधों की सुरक्षा की निगरानी की जा सके. उन्होंने भारी वर्षा और संभावित बाढ़ को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग और सभी संबंधित डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया.
Posted by Ashish Jha