पटना. चिराग पासवान व उनसे चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच रामविलास पासवान के मरते व बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही विवाद शुरू हो गया था. पार्टी के नेता बताते हैं कि रामविलास पासवान के निधन के चार दिनों के बाद और बिहार चुनाव से पहले पारस ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तारीफ कर दी थी.
नीतीश की तारीफ चिराग पासवान को काफी नागवार गुजरी. इसके बाद गुस्साये चिराग ने चाचा को पार्टी से निकालने तक की धमकी दे दी थी और उन्हें परिवार के नहीं होने तक की बात कह दी थी. तब जवाब में पारस ने भी कहा था कि आज से तुम्हारे लिए तुम्हारे चाचा मर गये.
इस संवाद के बाद चाचा-भतीजे के बीच मुश्किल से ही बात होती थी. नीतीश कुमार की तारीफ के बाद जब चिराग पासवान ने पशुपति कुमार पारस पर दबाव बनाया तो पारस ने उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात को संभाला था.
उन्होंने बात को घुमाते हुए चिराग पासवान व उस समय पार्टी लाइन के साथ होने की बात कही थी. मगर उस समय भी पशुपति पारस बिहार विधानसभा चुनाव में कभी भी एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने या भाजपा व जदयू के खिलाफ लोजपा के उम्मीदवार खड़े करने के पक्ष में नहीं थे.
पारस के करीबी बताते हैं कि जब चुनाव की तैयारियों के दौरान भतीजे ने चाचा से पार्टी के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करना जरूरी नहीं समझा तो वह खुद को अलग-थलग महसूस करने लगे थे.
कभी कोई परिवार का सदस्य दूसरी पार्टी के संपर्क में नहीं आया. इधर, रामविलास पासवान के रहते ही चिराग ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल लिया था. मगर, वे लंबे समय तक अपने चाचा को साथ लेकर नहीं चल पाये.
Posted by Ashish Jha