लोहरदगा : मानसून की पहली बारिश ने ग्रामीण सड़कों की सीरत तथा सूरत बदल दी है. जर्जर सड़क पर दोपहिया वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना दूभर हो गया है. जर्जर सड़क के कारण ग्रामीणों को पंचायत तथा प्रखंड मुख्यालय आने तथा जाने में भारी परेशानी हो रही है. सड़क का हाल बेहाल होने के कारण ग्रामीण वैक्सीनेशन के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं. ग्रामीणों की समस्याओं से बेपरवाह स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं.
बताया जाता है मॉनसून की बारिश ने सड़क में बने गड्ढों को तालाब बना दिया है. कुड़ू-सलगी भाया सुंदरू तथा बड़की चांपी मुख्य पथ, चीरी-रोचो मुख्य पथ, रूद चौक से उड़ुमुड़ू, भवला टोली से सुकुमार होते हुए कमले रेलवे स्टेशन तक समेत अन्य मुख्य पथों का हाल बेहाल है. ग्रामीण इन्हीं सड़कों से होकर पंचायत तथा प्रखंड मुख्यालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़ू तथा जिला मुख्यालय आते-जाते हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि इन सड़कों में अधिकांश ऐसी सड़क है, जिनका निर्माण चार साल से लेकर पांच साल के भीतर लाखों रुपये की लागत से कराया गया है. लेकिन क्रियान्वयन एजेंसी तथा ठेकेदार की लापरवाही के कारण सड़क बद से बदतर हो गयी है. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के समय मानक के अनुरूप काम नहीं होने की शिकायत की गयी थी, लेकिन ना तो विभाग ना ही जिला प्रशासन ने कोई पहल किया नतीजा लाखों की लागत से बनी सड़क चार साल भी नहीं चली.
बरसात में इन सड़को पर जहां पैदल चलना दूभर हो रहा है. उत्पादित फसलों को लेकर कैसे बाजार तक पहुंचेंगे तथा बाजार से खाद बीज लेकर कैसै घर तक आयेंगे. इस संबंध में बीडीओ मनोरंजन कुमार ने बताया कि सड़क बनाने के कार्य को जिला प्रशासन स्वीकृति देता है तथा निविदा के आधार पर काम जिला प्रशासन के निगरानी में संबंधित विभाग के क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा कराया जाता है. जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए आमजनों की समस्या से अवगत कराते हुए मरम्मत का प्रस्ताव भेजा जायेगा.