पटना. कोरोना महामारी का असर आर्थिक गतिविधियों के साथ ही सरकारी कर्मियों के डीए (महंगाई भत्ता) पर भी पड़ा है. इस बार जुलाई में केंद्र के साथ ही राज्य सरकार के कर्मियों को भी डीए मिलने की उम्मीद नहीं है. चूंकि केंद्र सरकारी की घोषणा के बाद ही इसी तर्ज पर राज्य सरकार भी अपने कर्मियों के लिए डीए की घोषणा करती है.
यह लगातार चौथा मौका होगा, जब सरकारी कर्मियों को डीए नहीं मिलेगा. जनवरी 2020 से ही सरकारी कर्मियों के डीए में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. इससे पहले जुलाई 2019 में कर्मियों का डीए पांच प्रतिशत बढ़ा था और यह 12 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया था.
वर्तमान में इसी 17 प्रतिशत की बढ़त के हिसाब से सरकारी कर्मियों को डीए मिलता आ रहा है. जनवरी 2020 में यह 17 प्रतिशत से बढ़कर 21 प्रतिशत होना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से नहीं हुआ. इसके बाद से लगातार कोरोना महामारी के चरणबद्ध प्रभाव के कारण यह अभी तक नहीं बढ़ पाया है.
वर्तमान में मिल रहे 17 फीसदी डीए में अगर निर्धारित समय पर नियमित रूप से बढ़ोतरी होती, तो अभी यह बढ़कर 28 फीसदी पर पहुंच जाता. वर्ष में दो बार जनवरी और जुलाई में डीए दर का निर्धारण होता है और इसके आधार पर इसमें बढ़ोतरी की जाती है.
अब जब भी सरकारी कर्मियों को डीए मिलेगा, तो उन्हें पिछले सभी बकाये को जोड़कर प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी, जिसका फायदा उन्हें तत्काल वेतन में होगा, परंतु इसका बकाया एरियर नहीं मिलेगा.
इससे सरकारी कर्मियों को एरियर का बड़ा नुकसान होगा, परंतु कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में टैक्स संग्रह में गिरावट और आर्थिक गतिविधि मंद पड़ने के कारण यह कटौती लाजिमी है.
हालांकि, वित्त विभाग के अधिकारी इस पर बताते हैं कि केंद्र स्तर पर जुलाई में स्थिति सामान्य होने के बाद क्या हालात बनते हैं, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है, परंतु मौजूदा स्थिति को देखते हुए डीए मिलने की संभावना फिलहाल नहीं है.
Posted by Ashish Jha