नयी दिल्ली : दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमला किये जाने के मामले में भारतीय किसान मोर्चा (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन कर रहे किसानों का बचाव किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि किसान हिंसा में शामिल नहीं होते.
They (Police) must have been in civil dress & farmers might have mistaken them for channel people (media) who portray their movement in bad light. We don't engage in violence: BKU leader Rakesh Tikait on farmers allegedly assaulting two policemen for clicking photos on June 10 pic.twitter.com/3g3ZBEoHkx
— ANI (@ANI) June 12, 2021
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर पर दो एएसआई कथित रूप से फोटो खींच रहे थे. इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया. मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने नरेला थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि पुलिसकर्मी सादे लिबास में होंगे. किसानों को प्रतीत हुआ होगा कि किसी चैनल के लोग हैं, जो गलत तरीके से उन्हें दिखाते हैं. साथ ही उन्होंने पुलिस और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों किसानों को भड़काना चाहते हैं.
पुलिसकर्मियों ने बताया है कि घटनास्थल पर एक महिला आयी और सवाल करते हुए पूछा कि हम क्या कर रहे हैं. उसीसमय अन्य लोग आये और घेर लिया. सभी नशे में प्रतीत हो रहे थे. उनके हमले से एक सहयोगी के हाथ में फ्रैक्चर हो गया. हम किसी तरह वहां से खुद को बचा कर थाने आये.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई रमेश और एएसआई चंद्र सिंह ने नरेला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारी महिला अपने दो-तीन साथियों के साथ आयी और गाली-गलौज करते हुए बदसलूकी करने लगी. पुलिसकर्मियों ने मारपीट किये जाने का भी आरोप प्राथमिकी में लगाया है.
मालूम हो कि किसानों की 26 जून को देशभर के राजभवनों पर काला झंडे के साथ धरना देने की योजना है. साथ ही राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजेंगे. किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि 26 जून को किसान ‘खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस’ के रूप में मनायेगी.