नयी दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर विदेश फरार हो जानेवाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. वहीं, भारत ने डोमिनिका की अदालत में दो याचिकाएं दाखिल कर कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.
भारत ने डोमिनिका की अदालत में दो याचिकाएं दाखिल की हैं. इनमें से एक सीबीआई और दूसरा विदेश मंत्रालय की ओर से दाखिल की गयी है. बताया जाता है कि अदालत से अनुमति मिलने पर भगोड़े मेहुल चोकसी के भारतीय नागरिक होने को लेकर हरीश साल्वे सीबीआई और विदेश मंत्रालय की पैरवी करेंगे.
India files impleadment applications in Dominica court- one by CBI & another by MEA. CBI to focus on PNB case to establish fugitive status of Mehul Choksi &MEA to focus on his Indian citizenship status. If applications are allowed,Harish Salve to represent both CBI & MEA: Sources
— ANI (@ANI) June 12, 2021
डोमिनिका हाई कोर्ट में दायर किये गये हलफामा को लेकर सीबीआई के डीआईजी का कहना है कि कंपनियों की शृंखला के पीछे मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी था. उसने और अन्य लोगों ने बैंक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करके अनधिकृत रूप से क्रेडिट जुटाने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रची.
Indian probe agencies have filed an affidavit in Dominica High Court in Mehul Choksi case.
CBI DIG states that Mehul Choksi was mastermind behind a series of companies & he and others conspired with officials of a bank to unauthorisedly raise credit by abusing bank procedures.
— ANI (@ANI) June 12, 2021
मालूम हो कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी एक अंतरराष्ट्रीय भगोड़ा है और बना हुआ है. वह भारत में कानून प्रवर्तन से बचने की कोशिश कर रहा है. अगर उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो मेहुल चोकसी को कानून प्रवर्तन और इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस को लेकर जमानत नहीं देने का विरोध डोमिनिका कोर्ट में सीबीआई कर रही है.
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने जमानत याचिका रद्द होने के मामले में कहा है कि डोनिमिका में जब तक मामला चल रहा है, तब तक उसे भारत नहीं भेजा जा सकता है. मालूम हो कि डोमिनिका की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया है.