पटना. ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए आइजीआइएमएस के डॉक्टरों ने इंडोस्कोपी कैमरे की मदद से अब तक 56 मरीजों की सर्जरी की, जबकि 44 मरीजों का ओपन विधि से ऑपरेशन किया गया. 18 मई से 11 जून तक यानी कुल 23 दिनों में 101 ब्लैक फंगस के मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है.
100 ऑपरेशन पूरा करने के बाद शुक्रवार को संस्थान में डॉक्टरों ने खुशी जाहिर करते हुए केक काटा और एक दूसरे को बधाई दी. इसका नेतृत्व आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने किया.
डॉ मनीष मंडल ने कहा कि ब्लैक फंगस एक तरीके से नयी बीमारी थी, जिसका इलाज चुनौती से कम नहीं था. इलाज इएनटी, नेत्र रोग विभाग, न्यूरो, मेडिसिन आदि विभाग के डॉक्टरों के संयुक्त प्रयास से किया गया. फंगस का इलाज कुल चार स्टेज में किया जाता है.
पहले स्टेज में इएनटी द्वारा ही ऑपरेशन किया जाता है. स्टेज टू में इएनटी और नेत्र रोग विभाग द्वारा सम्मिलित रूप से ऑपरेशन होता है. स्टेज थ्री में इएनटी, नेत्र और मैक्सिलोफेसियल विभाग की टीम ऑपरेशन करती है. वहीं, चौथे व अंतिम स्टेज में न्यूरो सर्जन विभाग के डॉक्टरों के साथ मिल कर तीनों विभाग के डॉक्टर ऑपरेशन करते हैं.
ब्लैक फंगस की सर्जरी करने के मामले में आइजीआइएमएस एम्स व पीएमसीएच से काफी आगे निकल चुका है. इसका श्रेय निदेशक ने इएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार सिंह को दिया, जिनकी देखरेख में जटिल से जटिल सर्जरी की गयी. एम्स में लगभग 70 सर्जरी की गयी है.
ऐसे में अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आइजीआइएमएस ने ब्लैक फंगस की सर्जरी करने के मामलों में बिहार के बाकी अस्पतालों की तुलना में रिकाॅर्ड बनाया है. पटना एम्स की इएनटी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ क्रांति भावना ने कहा कि एम्स में गुरुवार से चार ओटी में सर्जरी की जा रही है.
आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि 18 मई से अस्पताल में अब तक कुल 174 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हुए. इनमें 101 का ऑपरेशन किया गया और 21 मरीजों का बेहतर इलाज कर छुट्टी दे दी गयी. 28 मरीज ऑपरेशन के बाद भर्ती किये गये हैं.
रोजाना 6 से 8 मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है. निदेशक ने इएनटी विभाग के एचओडी डॉ राकेश कुमार सिंह, डॉ सरिता मिश्रा, डॉ अमित शर्मा, डॉ महेश कुमार समेत ऑपरेशन में शामिल सभी डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए बधाई दी है.
Posted by Ashish Jha