यूपी में माफिया डॉन संजीव उर्फ रामू द्विवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अब इससे जुड़े गुर्गों की तलाश कर रही है. संजीव उर्फ रामू द्विवेदी की पहचान एक माफिया के रूप में सिर्फ नहीं है वह बसपा का एमएलसी भी रह चुकी है.
यूपी पुलिस लंबे समय से इसकी तलाश कर रही थी. उस पर गोरखपुर सदर कोतवाली में भी कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है. यूपी में टॉप 33 माफियाओं की लिस्ट में संजीव ऊर्फ रामू का आता है. अब पुलिस इसके गिरोह के सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है. इसके ग्रुप के 12 लागों की पहचान पुलिस ने की है. इसमें से कुछ लोगों को ट्रेस भी कर लिया गया है. अपर पुलिस महानिदेशक ने इलाके से माफिया राज खत्म करने के लिए कमर कस ली है और कार्रवाई तेज कर दी है.
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रामू को अभी पुलिस ने रामपुर कारखाना में रखा है. पुलिस ने छापा मार कर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया ह पुलिस उनसे भी पूछताछ कर रही है. रामू के कई साथी अंडरग्राऊंड है जिनकी तलाश में पुलिस पूरा इलाका छान रही है. एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने रामू के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी मांगी है, जिसके बाद पुलिस को कोर्ट चार्जशीट दायर करने में आसानी हो. जिस मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है वह 17 फरवरी 2014 के रात की है.
पुलिस में संजीव द्विवेदी उर्फ रामू, विशाल राव चंदेल, संजय चौरसिया सहित चार लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास, रंगदारी मांगने जैसे गंभीर आरोप लगाये गये थे. दूसरी तरफ परिवार वाले इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि जबरन रामू को फंसाया जा रहा है.
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रामू द्विवेदी के घर देवरिया के भुजौली वाले आवास पर 17 फरवरी 2014 को जमकर गोलीबारी हुई थी. इस मामले में रामू ने केस दर्ज कराया था और शराब कारोबारी संजय केडिया पर आरोप लगाया था. इसी साल संजय ने रामू द्विवेदी पर दस लाख रुपये रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था