Jagannath Rath Yatra 2021 Date, Importance, Significance: हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. झारखंड, ओडिसा समेत देश के अन्य हिस्सों में इनकी पूजा की जाती है. आपको बता दें कि भगवान जगन्नाथ को विष्णु का अवतार माना गया है. लेकिन, इस बार भी कोरोना वायरस के कारण भक्त इस यात्रा में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे.
दरअसल, इस दिन भगवान जगन्नाथ की यात्रा उनके भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्रा के साथ निकाली जाती है. करीब 10 दिन तक इनकी पूजा होती है. इस दौरान नेत्रदान से लेकर रथयात्रा तक कई पारंपरिक आयोजन किए जाते हैं.
आपको बता दें कि इस यात्रा का नेतृत्व बलभद्र करते हैं. अर्थात बलभद्र का रथ सबसे आगे होता है जिसे तालध्वज भी कहा जाता है. वहीं, बीच में बहन सुभद्रा का रथ होता है जिसे पद्म रख या दर्पदलन कहा जाता है और अंतिम में भगवान जगन्नाथ का रथ होता है जिसे नंदीघोष भी कहा जाता है.
इस बार 12 जुलाई को रथ यात्रा पर्व शुरू हो रही है जो 20 जुलाई यानी देवशयनी एकादशी के दिन तक मनाया जाएगा.
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ऐसी मान्यता है कि इस यात्रा को देखने मात्र से भी आपके पापों का नाश होता है.
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साथ ही साथ रथ यात्रा में सम्मिलित होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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तरक्की के कई मार्ग खुलते हैं.
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जगन्नाथ मंदिर को भारत के चार धामों में से एक माना गया है. झारखंड के रांची, ओडिशा के पूरी सहित देश के अन्य स्थानों में इनकी विशाल मंदिर है.
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मान्यता यह भी है कि भगवान जगन्नाथ के भाई बलभद्र, बहन देवी सुभद्रा के मंदिर में दर्शन से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
Posted By: Sumit Kumar Verma