कुशेश्वरस्थान पूर्वी. तीन दिन बाद भी ग्रामीण अभी तक पुल में फंसे जलकुंभी को हटाने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सके हैं. हालांकि पुल में फंसे लगभग 70 फीसदी जलकुंभी को ग्रामीणों ने निकाल दिया है. इससे नदी की तेज धारा बनने से पुल के पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी व दक्षिण की ओर अवस्थित तीन भाई दिनेश यादव, गणेश यादव व दिलीप यादव तथा सुरेश दास का घर कटाव से ध्वस्त हो गया.
ग्रमीण सीके ह्यूमेन, लखिन्द्र राम, सरपंच बबन दास ने बताया कि अगर पुल के नीचे पाइलिंग में फंसे जलकुंभी निकल जाता है, तो नदी की धारा सामान्य हो जायेगी. इससे अन्य लोगों के घर कटाव से बच सकते हैं.
इधर, पुल व संपर्क पथ टूटने के कगार पर पहुंच गया है. इसकी सूचना प्रशासन को पूर्व में ही दे दी गयी थी. सूचना मिलने पर तीन दिन पूर्व सीओ त्रिवेणी प्रसाद व ग्रामीण कार्य विभाग के कनीय अभियंता रणधीर कुमार पहुंचे थे. जल्द समाधान का आश्वासन दिया था. यह आश्वासन कोरा निकलते देख पुल व संपर्क पथ पर आवागमन बहाल करने के लिए ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा करना शुरू किया.
बता दें कि पुल के लोहे का पाइलिंग टेढ़ा हो गया है. ऐसे में पैदल गुजरना भी जान जोखिम में डालने जैसा ही होगा. कभी भी पुल टूट सकता है और बड़ी घटना हो सकती है. उल्लेखनीय है कि कमला नदी की धारा के कारण पुल के पश्चिमी हिस्से की सड़क के अंदर से मिट्टी कटकर नदी में विलीन हो रही है. यदि यह कटाव नहीं रुका, तो पुल से महज चार फीट पर लगे बिजली के 11 हजार का पोल भी नदी में कटकर गिर जायेगा.
Posted by Ashish Jha