उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी का असर कम हुआ है. सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में है. पॉजिटिविटी दर मात्र 0.3फीसदी रह गई है, जबकि रिकवरी दर बेहतर होकर 98 फीसदी हो गया है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 12,959 कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है. विगत 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 709 नए केस आए हैं. इसी अवधि में 1,706 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं. अब तक कुल 16 लाख 66 हजार लोग कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं.
ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. बीते 24 घंटों में 02 लाख 89 हजार 809 टेस्ट हुए. इसमें 129000 सैम्पल आरटीपीसीआर के माध्यम से जांचे गए. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है. अब तक यहां 05 करोड़ 21 लाख 19 हजार 163 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है. एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति लागू रखी जाए. दैनिक टेस्ट की संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है.
प्रदेश में कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. बीते 24 घंटे में 04 लाख 30 हजार 617 लोगों को टीका-कवर मिला है, इनमें से 02 लाख 29 हजार 994 लोग 18 से 44 आयु वर्ग के हैं. प्रदेश में अब तक 02 करोड़ 11 लाख 50 हजार 258 वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं.
आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आगामी 21 जून से सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है. यह प्रयास टीकाकरण को और गति देने वाला है. भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम को तेज करने की कार्यवाही की जाए. निजी अस्पतालों को सीधे टीका खरीदने की अनुमति दी गई है. उनसे भी समन्वय बनाया जाए. जिन औद्योगिक समूहों ने वैक्सीनेशन में सहयोग की इच्छा जताई है, उन्हें यथासंभव पूरी सहायता उपलब्ध कराई जाए.
बरसात का मौसम शुरू हो रहा है. इस समय इंसेफेलाइटिस जैसी जल जनित बीमारियों के प्रसार का खतरा है. हमें बिना देरी किये बचाव और रोकथाम के काम तेज करना होगा. सर्विलांस को बेहतर करने के विशेष प्रयास हों. स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ ग्राम्य विकास और बाल विकास पुष्टाहार आदि विभाग एक्टिव रहें.
बेहतर होती स्थिति के बीच लगातार प्रयासों से ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति सामान्य हो गई है. इसके साथ ही भविष्य के दृष्टिगत सभी भी तरह की चुनौतियों के लिए तैयारी की जा रही है. ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है. इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाए. बीते दिनों कराई गई ऑक्सीजन ऑडिट के परिणामों से संबंधित अस्पतालों को अवगत कराते हुए ऑक्सीजन के अपव्यय के संबंध में स्पष्टीकरण लिया जाए.
निजी अस्पतालों के संबंध में मरीजों/परिजनों से प्राप्त शिकायतों का समुचित निराकरण कराया जाना सुनिश्चित करें. दोषी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
कंटेनमेंट ज़ोन निर्धारण व्यवस्था की समीक्षा की जाए. सीमा तय करने के संबंध में जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लें. लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए.
कोरोना की विभीषिका के बीच कमजोर आय वर्ग भरण-पोषण के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं. 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. एक भी जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे. राशन कार्ड न हो तो तत्काल बनाया जाए. राशन वितरण सुचारू रूप से चलती रहे. इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाए.
प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है. संक्रमण कम हुआ है. स्थिति सामान्य हो रही है. ऐसे में हर प्रदेशवासी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ. संक्रमण कम हुआ है, पर जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बाधा सकती है. सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें. बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें. भीड़ से बचें. पुलिस बल सक्रिय रहे.
आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हर साल अनेक लोगों की असमय मृत्यु होती है. समय से लोगों को अलर्ट किया जा सके, इसके लिए और बेहतर तकनीकी प्रबन्ध करने की जरूरत है.
किसानों हितों को संरक्षित करते हुए कोरोना काल में भी गेहूं क्रय जारी रखा गया. इस बार पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना खरीद हुई है. अधिकतम 72 घंटे में भुगतान भी किया जा रहा है. खरीद के साथ-साथ गेहूं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए. एक भी दाना गेहूं बारिश में न भीगे, इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं.
प्रदेश के विकास में दुग्ध उत्पादको का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. डेयरी प्लान्ट के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए. हमारी इकाइयां बाजार में अन्य उत्पादों को अच्छी प्रतिस्पर्धा दे सकें, इसके लिए प्रयास होने चाहिए. नई दुग्ध उत्पादन समितियों के गठन के लिए सभी जरूरी प्रोत्साहन दिए जाएं. इन्हें लाभकारी उद्योग बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं.
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से ग्राम प्रधानों, कोटेदारों, शहरी वार्ड सदस्यों औरगांव के प्रबुद्ध वर्ग से संवाद किया जाए. स्वच्छता, सैनीटाइजेशन आदि के बारे में जानकारी लेते हुए सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में उनकी राय ली जाए. कोविड के कारण जिनके किसी परिजन का देहांत हुआ है, उनसे संवाद बनाया जाए. संवेदना के साथ उनकी जरूरतों/अपेक्षाओं के बारे में जानकारी ली जाए. मुख्यमंत्री कार्यालय को इस संबंध में दैनिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए.
Posted by: Pritish Sahay