12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दूसरे प्रदेश से लौटे लोहरदगा के पांच सौ मजदूर, 350 का बना जॉब कार्ड, मनरेगा में मिल रहा है काम

लगभग चार सौ मजदूरों की कोरोना जांच करायी गयी है, साथ ही लगभग एक सौ मजदूरों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है. बताया जाता है कि प्रखंड के सलगी, बड़की चांपी, ककरगढ़, जिंगी, उड़ुमुड़ू, चंदलासो, पंडरा, टाटी, कोलसिमरी, जीमा, चीरी, सुंदरू, कुड़ू, लावागांई पंचायत के विभिन्न गांवों से प्रत्येक साल रोजगार की तलाश में सीमावर्ती राज्य बिहार के गया, पटना, डेहरी आन सोन, औरंगाबाद, सीवान, समस्तीपुर, बक्सर समेत अन्य जिले उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गाजीपुर, भभुआ, कैमुर, रोहतास, मुगलसराय समेत अन्य जिले, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलो में लगभग दो हजार मजदूर ईंट भट्टा से लेकर प्लांट में काम करने चले जाते हैं.

लोहरदगा : रोजगार की तलाश में बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओड़िसा, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में पलायन किये मजदूर अपने घर लौटने लगे हैं. पिछले दो माह के भीतर लगभग पांच सौ मजदूर प्रखंड के विभिन्न गांवों में लौट चुके हैं, इसमें तीन सौ पचास मजदूरों का जॉब कार्ड बनाते हुए रोजगार दिया गया है. बाकी मजदूरों की पहचान करते हुए जॉब कार्ड बनाने का काम पंचायत सचिव तथा रोजगार सेवक कर रहे हैं.

लगभग चार सौ मजदूरों की कोरोना जांच करायी गयी है, साथ ही लगभग एक सौ मजदूरों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है. बताया जाता है कि प्रखंड के सलगी, बड़की चांपी, ककरगढ़, जिंगी, उड़ुमुड़ू, चंदलासो, पंडरा, टाटी, कोलसिमरी, जीमा, चीरी, सुंदरू, कुड़ू, लावागांई पंचायत के विभिन्न गांवों से प्रत्येक साल रोजगार की तलाश में सीमावर्ती राज्य बिहार के गया, पटना, डेहरी आन सोन, औरंगाबाद, सीवान, समस्तीपुर, बक्सर समेत अन्य जिले उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गाजीपुर, भभुआ, कैमुर, रोहतास, मुगलसराय समेत अन्य जिले, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलो में लगभग दो हजार मजदूर ईंट भट्टा से लेकर प्लांट में काम करने चले जाते हैं.

कुछ मजदूर गोवा, आंध्र प्रदेश, केरल, तामिलनाडु समेत अन्य राज्यों में जाते हैं. नौ माह बाहर काम करने के बाद जून माह में वापस घर लौटते हैं तथा खेती-बाड़ी करने के बाद सितंबर-अक्तूबर माह में पलायन करना शुरू कर देते हैं.

बताया जाता है कि एक अप्रैल से लेकर सात जून तक लगभग पांच सौ मजदूर कुड़ू प्रखंड के विभिन्न गांवों में लौट चुके हैं. प्रखंड प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल से सात जून तक तीन सौ पचास प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाते हुए मनरेगा से प्रखंड में संचालित सिंचाई कूप खुदाई कार्य, बिरसा मुंडा हरित क्रांति योजना समेत अन्य विकास योजनाओं में काम पर लगाया गया है. तीन सौ पचास मजदूर लगातार काम कर रहे हैं. तीन सौ पचास की कोरोना जांच कराते हुए टीका दिलाने का प्रयास चल रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें