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बिहार में अब घर बैठे ऑनलाइन मिल जाएगा जमीन का खतियान,नक्शा व अन्य कागजात, डिजिटल दस्तावेज बनाएगा काम आसान

बिहार में जमीन का कागजात लोगों के लिए एक समस्या बनता रहा है. लोगों को अपनी जमीन के दस्तावेजों के लिए सरकारी दफ्तरों और कर्मचारियों के पीछे चक्कर काटना पड़ता है. वहीं उन्हें इस काम के लिए कई बार बिचौलिये की भी जरुरत पड़ती है.कई जगहों पर लोगों को मजबूरन अनाप-शनाप पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन अब बिहार में सरकार इन समस्याओं का मजबूत समाधान लाने जा रही है. जिसकी तैयारी में सरकारी विभाग लगा हुआ है. अब लोग घर बैठे ही ऑनलाइन अपने जमीन का दस्तावेज निकाल सकेंगे.

बिहार में जमीन का कागजात लोगों के लिए एक समस्या बनता रहा है. लोगों को अपनी जमीन के दस्तावेजों के लिए सरकारी दफ्तरों और कर्मचारियों के पीछे चक्कर काटना पड़ता है. वहीं उन्हें इस काम के लिए कई बार बिचौलिये की भी जरुरत पड़ती है.कई जगहों पर लोगों को मजबूरन अनाप-शनाप पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन अब बिहार में सरकार इन समस्याओं का मजबूत समाधान लाने जा रही है. जिसकी तैयारी में सरकारी विभाग लगा हुआ है. अब लोग घर बैठे ही ऑनलाइन अपने जमीन का दस्तावेज निकाल सकेंगे.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सभी अंचलों में बन रहे रिकार्ड रूम के संचलन की नियमावली तैयार कर रहा है. यह नियमावली अगले महीने तक तैयार हो जाएगी. इस नियमावली के तहत लोगों को रिकार्ड रूम में रखे जमीन के दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे. लोगों को कर्मचारियों के पीछे दौड़ लगाने से छुटकारा मिल जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विभाग अगले महीने यानी जुलाई तक नियमावली बनाने की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा. उसके बाद लोगों को दस्तावेज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. सरकार अभी सभी अंचलों में एक रिकार्ड रूम तैयार कर रही है. जिस अंचल में रिकार्ड रूम तैयार हो जाएगा उसमें यह सुविधा उपलब्ध होता चला जाएगा. इस काम के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर का नियोजन भी किया जा रहा है.

बता दें कि अंचलों में बन रहे रिकॉर्ड रूम में कुल 26 तरह के दस्तावेज रहेंगे जो डिजिटल रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे. इसमें जमीन का नक्शा, खतियान, रजिस्टर टू आदि शामिल रहेंगे.अभी जमीन का केवल नक्शा ऑनलाइन मिल रहा है. जल्द ही सारे कागजात ऑनलाइन मिलने लगेंगे.

अभी इसके शुल्क को लेकर कोई फैसला सामने नहीं आया है. तय होने के बाद ही यह पता चलेगा कि किस दस्तावेज को पाने के लिए कितने रुपये खर्च करने होंगे. गौरतलब है कि विभाग अभी सभी प्रकार के दस्तावेजों को डिजिट फॉर्म में तब्दील कर रहा है. जानकारी के अनुसार, 400 से अधिक अंचलों में रिकॉर्ड रूम बनकर तैयार हो चुका है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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