अंतरिक्ष में छुपे कई राज को समझने की कोशिश में अबतक कई चीजें है जो अनछुई है, अनजानी है. अंतरिक्ष के रहस्य की तलाश में अबतक शुक्र ग्रह भी राज बना हुआ है. मंगल ग्रह पर कई तरह के खोज किये गये हैं. वहां की कई तस्वीरें आपको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी मिल जायेगी लेकिन शुक्र ग्रह कैसा है इसकी अबतक बुहत जानकारी सामने नहीं आयी है.
नासा अब इन रहस्यों का पला लगायेगा. नासा ने दो मिशनों को हरी झंडी दी है. इन दोनों मिशन को 2028 से 2030 के बीच शुरू किया जाने वाला है. 1990 के बाद से शुक्र ग्रह पर कोई मिशन नहीं चला. शुक्र ग्रह के गहरे राज निकाल कर आसान भी नहीं है.
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उसके वातावरण में सल्फरिक एसिड है. सतह का तापमान इतना गर्म है कि सीसा पिघल जाये. वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र ग्रह की उत्पति भी पृथ्वी की तरह हुई थी लेकिन ऐसा क्या हुआ कि सबकुछ बदल गया . धरती पर कार्बन पत्थरों के अंदर है जबकि शुक्र ग्रह में यह वातावरण में फैला हुआ है यहां तकरीबन 96 प्रतिशत कार्बन डाईऑक्साइड है.
शुक्र ग्रह पर कई ऐसे शोध औऱ रिसर्च किये जाने की संभावना जाहिर की जा रही है जिसका लाभ पृथ्वी को भी मिलेगा. इसका दबाव इतना ज्यादा है कि लैंडरों को नष्ट कर सकता है. ऐसा नहीं है कि शुक्र ग्रह पर अबतक कोई भी शोध नहीं हुआ 1960 से 1980 के दशक के बीच सोवियत संघ द्वारा किया गया है इसके अलावा 1972 का नासा का पायनीर वीनस मिशन और 2006 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का ‘वीनस एक्सप्रेस मिशन’.