नयी दिल्ली : प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospitals) को ज्यादा पैसे में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) बेचने के आरोपों में घिरी पंजाब की कैप्टन सरकार ने अब वैक्सीन का पूरा स्टॉक वापस मांगा है. वैक्सीन बेचने को लेकर सरकार पिछले कई दिनों से विपक्षी दलों के निशानें पर है. इन आलोचनाओं के बीच केंद्र ने राज्य सरकार से पूरे मामले पर जवाब मांगा है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी सरकार के इस कदम की शुक्रवार को कड़ी आलोचना की और राहुल गांधी पर भी निशाना साधा.
पंजाब सरकार प्रमुख विपक्षी दलों शिरोमणि अकाली दल (शिअद), आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशाने पर है. विपक्षी दलों का कहना है कि जिस वैक्सीन को सरकार को अपने राज्य के लोगों को फ्री में लगवाना चाहिए. उस वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों को ऊंची कीमतों पर बेचकर मुनाफा कमाया जा रहा है. इसे कहते हैं आपदा को अवसर में बदलना.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब सरकार ने वैक्सीन निर्माताओं से प्रति खुराक 400 रुपये की दर से खरीदकर निजी अस्पतालों को 1,060 रुपये प्रति खुराक की दर से बेचा है. निजी अस्पताल इसी वैक्सीन के एक डोज की कीमत 1,560 से 2000 रुपये में लोगों को लगा रहे हैं. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्होंने आरोपों की जांच का आदेश दे दिया है.
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नया आदेश जारी किया है जिसमें निजी अस्पतालों को 18-45 वर्ष की श्रेणी में लोगों को टीकाकरण करने के लिए दिया गया निर्देश वापस ले लिया गया है. मंत्री ने कहा कि अब वापस मंगाए गए टीके की खुराक इस आयु वर्ग को सरकार द्वारा मुफ्त में दी जायेगी. पंजाब के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के प्रभारी विकास गर्ग की ओर से एक आदेश जारी किया गया, जिसमें प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीन वापस करने को कहा गया है.
आदेश में यह भी कहा गया है कि वैक्सीन के जो डोज इस्तेमाल कर लिये गये हैं. प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन कंपनियों से वह डोज सीधे खरीदकर सरकार को वापस कर देंगे. इसके बाद वैक्सीन फंड में जमा की गयी राशि सरकार की ओर से प्राइवेट अस्पतालों को वापस कर दी जायेगी. बता दें कि इस मामले में शिअद, भाजपा और आप से सरकार पर जमकर निशाना साधा है. इससे सरकार की फजीहत हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव वंदना गुरनानी ने पंजाब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा कि प्रथम दृष्टया, यह उदार मूल्य निर्धारण और त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति का स्पष्ट उल्लंघन है. रणनीति के अनुसार, निजी क्षेत्र के अस्पताल सीधे वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन खरीद रहे हैं. ऐसे में राज्यों ने वैक्सीन क्यों बेचे. केंद्र ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह एक खतरनाक खबर है… राज्य सरकार टीकाकरण से लाभ कमाना चाहती है. यह कैसी सरकार है? जावडेकर ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को दूसरों को उपदेश देने के बजाय पहले इस पर विचार करना चाहिए कि उनकी पार्टी शासित राज्य में चीजों को कैसे ठीक किया जाए.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा कि वैक्सीन खरीद उन अधिकारियों द्वारा की जाती है जो मेरे विभाग से संबंधित नहीं हैं. कई बार लोग गलत फैसले ले लेते हैं. बता दें कि सिद्धू को पहले से ही यह शिकायत रही है कि कोविड प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण फैसलों में अधिकारी उन्हें शामिल नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने इस मामले को उठाया गया है. उन्हें अवगत कराया गया कि कैसे कुछ अधिकारियों द्वारा लिये गये निर्णय से सरकार की छवि खराब हुई है.
Posted By: Amlesh Nandan.