पटना. पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना के मामले घटने लगे तो अब ब्लैक फंगस का आंकड़ा रफ्तार पकड़ने लगा है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) व पटना एम्स में ब्लैक फंगस के एक-एक मरीज की मौत हो गयी. जबकि आइजीआइएमएस में 24 घंटे के अंदर 10 मरीजों का ऑपरेशन इएनटी विभाग और नेत्र रोग विभाग के अंतर्गत किया गया.
ऑपरेशन के बाद मरीजों को फंगस वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. पटना में शुक्रवार को 19 नये ब्लैक फंगस के मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए. इनमें से नौ आइजीआइएमएस में, पांच एम्स में और पांच पीएमसीएच में भर्ती हुए.
फंगस संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण आइजीआइएमएस के 100 बेड और एम्स के 75 बेड का फंगस वार्ड अब मरीजों से पूरी तरह से भर गया है, जिसे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.
ब्लैक फंगस के गंभीर मरीजों को तत्काल ऑपरेशन की सुविधा देने के लिए आइजीआइएमएस में ओपन ऑपरेशन किया जा रहा है. यही वजह है कि 24 घंटे के अंदर एक साथ 10 मरीजों का ऑपरेशन दो विभागों के अंतर्गत कर दिया गया, जबकि अब तक संस्थान में इंडोस्कोपिक विधि से ही ब्लैक फंगस का ऑपरेशन किया जा रहा था.
अस्पताल अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि ब्लैक फंगस के संक्रमित कई ऐसे मरीज भर्ती हो रहे हैं, जिनका तत्काल ऑपरेशन किया जाना जरूरी होता है. कुछ मरीजों का ओपन ऑपरेशन भी किया जा रहा है. शुक्रवार को छह मरीजों का ऑपरेशन इंडोस्कोपिक विधि से और चार का ओपन विधि से किया गया.
कोविड अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस के तीन संदिग्ध और मरीज भर्ती हुए है. अस्पताल में छह का उपचार किया जा रहा है. अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि संक्रमित कोविड के मरीज थे, अस्पताल में भर्ती करायी गयी थी. जहां उपचार के दौरान मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे है.
अस्पताल में ब्लैक फंगस के संक्रमित मरीज को भी भर्ती कर उपचार किया हो, इसके लिए अस्पताल के इएनटी विभाग में 12 बेड की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन की ओर से की गयी है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह व उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने बताया कि छह संक्रमित संदिग्ध मरीज भर्ती है, जिनका उपचार चल रहा है. ब्लैक फंगस के मामले में अस्पताल प्रशासन ने उपयोग में आने वाली दवाओं की व्यवस्था है. संदिग्ध मरीज की जांच पड़ताल की जा रही है.
Posted by Ashish Jha