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Indian Railways News : धनबाद रेलवे यार्ड से बिना इंजन के एक किलोमीटर तक सरपट दौड़ी रेल बोगी, बड़ा हादसा टला

Indian Railways News (धनबाद) : धनबाद यार्ड में खड़ी 7 एसी बोगी अहले सुबह बिना इंजन के सरपट दौड़ने लगी. कर्मचारियों की जब तक नजर पड़ती तब तक बोगी रफ्तार पकड़ चुकी थी. पुराना बाजार रेलवे क्रांसिंग के पास ट्रैक के बगल में सोये कुछ लोगों को अचानक आवाज सुनायी दी. लोग उड़ कर भागे और अपनी जान बचायी. वहीं, सातों बोगी रफ्तार के साथ बफर में जाकर जोरदार टक्कर मारी. इस दौरान 5 एसी बोगी तो पटरी पर ही रही, लेकिन 2 एसी बोगी बफर तोड़ते हुए जाकर कचरे के ढेर से बेपटरी हो गयी. अधिकारियों को सूचना मिला और दलबल के साथ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया. जबकि इस दौरान बड़ी घटना होने से बच गयी.

Indian Railways News (धनबाद) : धनबाद यार्ड में खड़ी 7 एसी बोगी अहले सुबह बिना इंजन के सरपट दौड़ने लगी. कर्मचारियों की जब तक नजर पड़ती तब तक बोगी रफ्तार पकड़ चुकी थी. पुराना बाजार रेलवे क्रांसिंग के पास ट्रैक के बगल में सोये कुछ लोगों को अचानक आवाज सुनायी दी. लोग उड़ कर भागे और अपनी जान बचायी. वहीं, सातों बोगी रफ्तार के साथ बफर में जाकर जोरदार टक्कर मारी. इस दौरान 5 एसी बोगी तो पटरी पर ही रही, लेकिन 2 एसी बोगी बफर तोड़ते हुए जाकर कचरे के ढेर से बेपटरी हो गयी. अधिकारियों को सूचना मिला और दलबल के साथ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया. जबकि इस दौरान बड़ी घटना होने से बच गयी.

एक किलोमीटर तक चली ट्रेन

सुबह 5 बजे के आसपास यार्ड के डिपार्चर लाइन नंबर- 2 पर बोगी खड़ी थी. किसी तरह बोगी में हलचल हुई और बोगी चलने लगी. बोगी जिस ट्रैक से गुजर रही थी वह पुराना बाजार रेलवे क्रांसिंग भी पड़ता है. वहां दिनभर लोगों की काफी भीड़-भाड़ रहती है, लेकिन अहले सुबह रहने के कारण कुछ मजदूर ट्रैक के बगल में सोये हुए थे. अचानक उनकी नींद खुली, तो देखा की बोगी उनकी तरफ आ रहा है. इसमें एक मजदूर घायल हो गया. इस बीच बिना इंजन के बोगी एक किलीमीटर तक सफर कर बफर से टकरा कर बेपटरी हो गयी. यदि बफर नहीं होता, तो बोगी सीधे कुसुंडा की ओर निकल जाती.

घटना की जानकारी मिलते ही रेल महकमा हरकत में आ गया. ट्रेन रिलिफ वेन के अलावा दर्जनों कर्मचारी मौके पर पहुंच गये. कई अधिकारी भी घटनास्थल पर आये और बेपटरी हुई दो बोगी को छोड़ अन्य 5 बोगी के लिए इंजन बुलाया गया और उसमें जोड़ कर उसे वापस यार्ड भेज दिया गया, जबकि दो बोगी को उठाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. देर रात दोनों बोगी को उठा लिया गया.

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जंजीरों से बांध कर रखे जाते हैं कोच

कोचिंग यार्ड में खड़े रेलगाड़ियों की डिब्बा व इंजन को बहुत सावधानी से रखी जाती है. खाली बोगी के मेंटेनेंस के बाद बोगियों को लोहे के जंजीर से बांध कर रखा जाता है. यदि जंजीर नहीं होती है, तो चक्का के नीचे लोहे का टुकड़ा या लकड़ी का टुकड़ा रखा जाता है. जिससे कि बोगी पटरियों पर न चले. इसके लिए कई कर्मचारियों को ड्यूटी दी जाती है. लेकिन, इस तरह की घटना से साफ प्रतीत होता है कि यार्ड में लापरवाही हुई है और एक बड़ा हादसा हुआ है.

जांच कमेटी का गठन

बोगियों का रोल डाउन के बाद अधिकारी स्तर से JAG ग्रेड की एक जांच टीम का गठन किया गया है जो पूरे मामल की जांच करेगा और उसके बाद कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

धनबाद रेल मंडल ने दी सफाई

इधर, धनबाद रेल मंडल के पीआरओ पीके मिश्रा ने एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक बोगी के रोल डाउन की खबर को बेबुनियाद बताया है. उनके मुताबिक, धनबाद यार्ड में 7 खाली पड़े LHB कोच शंटिंग के दौरान रॉल डाउन हुए. इस क्रम में 2 खाली LHB डब्बे यार्ड में बेपटरी हुए हैं. वहीं, रेलवे की जांच में यह मामला सामने आया कि किसी भी कोच ने 250 मीटर से अधिक का मूवमेंट नहीं किया है.

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Posted By : Samir Ranjan.

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