नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को छात्रों और उनके अभिभावकों से बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए छात्रों के साथ बात की और उनके अभिभावकों के साथ विभिन्न मसलों चर्चा भी की. छात्रों और अभिभावकों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह बातचीत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया था.
इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के साथ उनकी चिंताओं को भी जानने का प्रयास किया. बता दें कि बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बच्चों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका और खतरों के मद्देनजर 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया. इस बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लंबी बातचीत की गई.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने छात्रों के अनुकूल फैसला किया है, जो हमारे युवकों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके भविष्य की भी रक्षा करता है. कई छात्रों ने सीबीएसई और केंद्र सरकार से बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की अपील की थी. छात्र इस बात से काफी डरे हुए कि परीक्षा के दौरान वे संक्रमित हो सकते हैं, क्योंकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगाया गया है.
सरकार के इस फैसले के बाद कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर किए गए अपने पोस्ट में धन्यवाद भी दिया है. केंद्र सरकार की ओर से सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द किए जाने का फैसला करने के बाद कई राज्यों और सीआईएससीई ने भी बुधवार और गुरुवार को अपने यहां की 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का ऐलान कर दिया है.
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. सर्वोच्च अदालत ने ही केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था और उसने केंद्र सरकार को 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक अच्छी मानदंड तैयार करने की खातिर दो हफ्ते का समय भी दिया है. सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि वे जल्द ही बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट देने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी कर ली जाएगी.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा छात्रों के साथ संवाद स्थापित करके बातचीत करते रहते हैं. पिछले अप्रैल महीने में ही उन्होंने वार्षिक परिचर्चा ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत छात्रों से बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा था कि वे परीक्षा न डरें, बल्कि खुद को बेहतर बनाने के लिए उसे एक परीक्षा के रूप में ही देखें. उन्होंने यह भी कहा कि छात्र कभी-कभी परीक्षाओं के बारे में अधिक सचेत हो जाते हैं और उन्हें अपने लंबे जीवन में इसे एक छोटा गंतव्य मानने की अपील भी की.
Posted by : Vishwat Sen