काठमांडू : भारत का पड़ोसी देश नेपाल कोरोना महामारी के खिलाफ अपने निवासियों को टीका लगाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और रूस से वैक्सीन मंगाएगा. इसके लिए नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने इन तीनों देशों के टॉप लीडर्स को चिट्ठी लिखकर कोरोना रोधी टीके की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है.
द हिमालयन टाइम्स की खबर के अनुसार, अमेरिका में नेपाल के राजदूत युवराज खातिवाड़ा ने राष्ट्रपति जो बाइडन को संबोधित भंडारी की चिट्ठी अमेरिका के विदेश विभाग में वरिष्ठ सलाहकार एर्विन मासिंगा को सौंपा है. वाशिंगटन डीसी में नेपाली दूतावास ने कहा कि खातिवाड़ा को अमेरिका से पर्याप्त मदद मिलने की उम्मीद है. दूतावास ने कहा कि नेपाल अमेरिका स्थित जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित टीके खरीदने का इच्छुक है.
अखबार ने लिखा है कि इसी तरह का अनुरोध मंगलवार को ब्रिटेन में नेपाल के दूतावास द्वारा ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय के माध्यम से किया गया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लिखे अपने पत्र में भंडारी ने कहा कि नेपाल रूस से स्पुतनिक टीका तत्काल खरीदना चाहता है. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मास्को में नेपाली दूतावास ने रूस के विदेश मंत्रालय के माध्यम से पुतिन के कार्यालय को यह पत्र भेजवाया है.
राष्ट्रपति भंडारी ने पिछले सप्ताह अपने भारतीय समकक्ष रामनाथ कोविंद को नेपाल को टीकों की मदद के लिए पत्र लिखा था. हिमालयन टाइम्स की 26 मई की खबर के अनुसार, उन्होंने राजनयिक माध्यम से राष्ट्रपति कोविंद से बात की थी और टीका उपलब्ध कराने के लिए उनसे पहल करने का अनुरोध किया था.
उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी बात की थी और उनसे कहा था कि नेपाल अपने नागरिकों के लिए चीनी टीका खरीदने का इच्छुक है. नेपाल में सिर्फ 6.8 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ है, जो आबादी का करीब 2.4 फीसदी है. दो जनवरी को नेपाल को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से टीके की 10 लाख खुराक मिली थी. उसे अंतरराष्ट्रीय कोवैक्स पहल के तहत सात मार्च को कोविशील्ड की 3,48,000 खुराकें मिली थीं.
चीन ने नेपाल की मदद के लिए अब तक 8,00,000 कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी है. चीन ने 10 लाख खुराक देने का वादा किया है. पिछले सप्ताह राष्ट्रपति भंडारी ने अपने भारतीय और चीनी समकक्षों से कोविड-19 रोधी टीके की निर्बाध आपूर्ति कर देश की मदद करने की अपील की थी. नेपाल में हालांकि महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव कम होने लगा है, लेकिन अब भी वहां रोजाना करीब 4,000 नए मामले आ रहे हैं.
Posted by : Vishwat Sen