सदर अस्पताल गुमला परिसर स्थित हेल्थ मैप कंपनी द्वारा संचालित अल्ट्रासाउंड की मशीन एक माह से बंद है. जिससे गर्भवती माताओं सहित अन्य बीमारी से पीड़ित मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए परेशानी हो रही है. वहीं हेल्थ मैप का अल्ट्रासाउंड बंद होने से गर्भवती महिलाओं सहित अन्य मरीजों के ऊपर अल्ट्रासाउंड के खर्च का बोझ बढ़ गया है.
सदर अस्पताल गुमला द्वारा जेएसएसके (जननी शिशु सुरक्षा योजना) के तहत भी निजी अल्ट्रासाउंड संचालकों को काफी राशि का भुगतान करना पड़ रहा है. यहां बताते चलें कि हेल्थ मैप कंपनी द्वारा झारखंड सरकार से एमओयू करा कर पूरे झारखंड में डिजिटल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड शुरू किया गया है. लेकिन उनके पास कोई अपना अल्ट्रासाउंड करने के लिए चिकित्सक नहीं है.
जिसके कारण हेल्थ मैप कंपनी द्वारा गुमला शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक से टाइअप कर गुमला में अल्ट्रासाउंड सेवा शुरू की थी. लेकिन गत एक माह से वे चिकित्सक हेल्थ मैप कंपनी द्वारा संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर में नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण अल्ट्रासाउंड सेवा ठप है. वहीं अस्पताल में आने वाली गर्भवती व अन्य पेट के रोगियों का अल्ट्रासाउंड लिखे जाने के बाद मरीजों को अत्यधिक खर्च वहन करना पड़ रहा है.
चूंकि गर्भवती महिलाओं का जेएसएसके के तहत नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड हो रहा है. उसके एवज में निजी अल्ट्रासाउंड संचालक अस्पताल प्रबंधन से मनमानी राशि ले रहे हैं. चूंकि अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड सेवा नहीं है. वहीं अन्य पेट से संबंधित रोगों के मरीजों से भी वे मनमाना ढंग से रुपये की वसूली कर रहे हैं.