सोनी लिव की वेब सीरीज महारानी ने दस्तक दे दी है. वेब सीरीज से जुड़ी प्रोडक्शन टीम हो या एक्टर्स सभी इस बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं कि यह सीरीज बिहार की पहली मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर आधारित है लेकिन चर्चाएं फिर भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स इस मुद्दे पर अपनी अलग अलग राय दे रहे हैं.
ट्वीटर पर यूजर आशीष कुमार पर लिखते हैं कि सीरीज के शुरुआत में रानी भारती राबड़ी देवी की याद दिलाती हैं लेकिन यह उनकी कहानी नहीं है. सीरीज के खत्म होते होते यह बात साफ हो जाती है क्योंकि रानी भारती सीरीज में टेक्निकल मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर देती हैं. वह चारा घोटाले में पति के जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री नहीं बनी है बल्कि मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद करोड़ों रुपये के घोटालों का पर्दाफाश करती है.
यूजर अभिषेक शर्मा अपनी राय रखते हुए लिखा है कि अच्छा हुआ मेकर्स ने यह दावा नहीं किया कि ये राबड़ी देवी की कहानी है क्योंकि यह फिर सच से कोसों दूर वाला चित्रण होता था. यह ठीक वैसी ही तुलना होती जैसी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तुलना किसी भी रानी से कर देने से है. चौथी पास घरेलू बिहार की महिला के मुख्यमंत्री बनने की समानता ही बस रानी भारती और राबड़ी देवी के बीच नज़र आती है.
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यूजर अनिता लिखती हैं कि यह राबड़ी देवी का महिमा मंडन के लिए सीरीज बनायी गयी है. लेकिन 90 के दशक के बिहार के उस स्याह इतिहास के बारे में सभी को जानकारी है तो इस महिमामंडन को दर्शक एक टाइमपास पॉलिटिकल थ्रिलर से ज़्यादा ना समझे और राबड़ी देवी की तुलना रानी भारती के किरदार से नहीं की जानी चाहिए.