नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान यास से हुई तबाही का हवाई निरीक्षण के दौरान पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के दौरे पर थे. पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर हुई तबाही का मंजर देखने के बाद जब पीएम मोदी का सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत का वक्त आया, तो उन्होंने पीएम को करीब आधे घंटे तक इंतजार कराया. उनके इस रवैये के बाद सूबे की राजनीति में तो उफान आ गया. इसके साथ ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी ममता बनर्जी पर जमकर बरसे.
इस घटना के बाद राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है. मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था है. दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं.
दरअसल, शुक्रवार को पीएम मोदी का पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए दौरे का कार्यक्रम था. तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी ने सबसे पहले पश्चिम बंगाल का दौरा किया. वहां उनका यास चक्रवात प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मीटिंग करने का कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम के ठीक पहले ममता बनर्जी से बायकाट कर दिया.
बताया जा रहा है कि हवाई निरीक्षण करने के बाद पीएम मोदी कलाईकुंडा में मुख्यमंत्री का करीब 30 मिनट इंतजार किया. तब भी ममता बनर्जी नहीं आईं. करीब आधे घंटे के इंतजार के बाद वह आईं भी तो केवल पीएम मोदी को नुकसान से जुड़े कागज सौंपकर बैरंग लौट गईं.
इसके उलट, पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद पीएम मोदी ने ओड़िशा में भी यास प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण किया. वहां पर भी उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान नवीन पटनायक ने पीएम मोदी से कहा भी कि चूंकि अभी पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. ऐसे संकट की घड़ी में हम राज्य में हुए नुकसान के लिए केंद्रीय अनुदान देने की मांग नहीं करेंगे. बावजूद इसके यास प्रभावित इन दोनों राज्यों का दौरा करने के बाद पीएम मोदी ने सहयोग के तौर पर केंद्र की ओर से 1000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है.
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Posted by : Vishwat Sen