पटना. राज्य 59 जेलों में क्षमता से 21 फीसदी अधिक कैदी जेलों में बंद हैं. कई जलों की स्थिति है कि वहां पुरुषों के अलावा महिला कैदियों की संख्या भी क्षमता अधिक है. गृह विभाग के कारा ब्रांच के रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सभी जेलों में 46619 कैदियों के बंद करने की क्षमता है, जबकि वर्तमान में बंदी कैदियों की संख्या करीब 56424 है.
कोरोना काल के दौरान राज्य के जेलों में बढ़े हुए कैदियों की संख्या के कारण समस्या आयी है. आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक गैर संज्ञेय अपराध में बंद कैदियों को पेरोल पर रिहाई की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. हालांकि, अभी तक इस पर गृह विभाग की कोई अनुमति नहीं मिल पायी है.
इस कारण मामला ठंडा पड़ा हुआ है. कारा ब्रांच की ओर से राज्य के जेलों को बंद कैदियों को क्षमता के अनुसार विभक्त किया गया है. 101 फीसदी से लेकर 125 फीसदी भरे जेलों को ग्रीन जोन में रखा गया है. इसके अलावा 126 फीसदी से 150 फीसदी तक भरे जेलों को बैगनी, 151 फीसदी से लेकर 200 फीसदी तक भरे जेलों को ऑरेंज और 200 फीसदी से अधिक क्षमता के साथ भरे जेलों को रेड जोन में रखा गया है.
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सात बड़े जेल ऐसे हैं, जिनमें 200 फीसदी यानी क्षमता से करीब दोगुने से अधिक कैदी बंद हैं. इसके अलावा 17 जेल ऐसे हैं, जिनमें क्षमता से 25 % अधिक कैदी बंद हैं. इनके अलावा 11 जेल ऐसे हैं जहां क्षमता से 50 % तक अधिक संख्या में कैदियों की स्थिति है.
जेल कैदियों की कुल क्षमता वर्तमान कैदियों की संख्या
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आदर्श कारा बेऊर 2360 4233
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सब जेल, बाढ़ 173 401
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जिला जेल हाजीपुर 1141 1815
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जिला जेल, सीतामढ़ी 380 925
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जिला जेल, मधेपुरा 182 484
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जिला जेल, औरंगाबाद 309 788
पुरुषों के अलावा राज्य के जेलों में महिला कैदियों की भी संख्या अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार सभी महिला जेल व वार्डों को मिला कर आदर्श स्थिति में 2047 महिला कैदियों को जेल में बंद रखा जा सकता है. मगर, वर्तमान में इन सभी जेलों में महिला बंदियों की संख्या 2128 है.
उसी प्रकार पुरुष कैदियों की संख्या जेलों में खाली आदर्श स्थिति से काफी अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सभी जेलों में 44572 पुरुष कैदियों को बंद रखा जा सकता है, मगर वर्तमान में पुरुष बंदियों की संख्या 54296 है.
Posted by Ashish Jha