15.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्यों जीवनदायिनी मां गंगे का रंग हुआ हरा, वैज्ञानिकों ने जतायी चिंता, कहा अगर यही स्थिति रही तो…

मां गंगे, गंगा जी, जीवनदायिनी गंगा. इन संबोधनों से पुकारी जाने वाली नदी गंगा का स्वच्छ और निर्मल जल अचानक से हरा हो गया है. गंगा के पानी का यूं रंग बदलना ना सिर्फ गंगा के किनारे रहने वालों के लिए चिंता का कारण है बल्कि वैज्ञानिक भी इस स्थिति से परेशान हैं.

मां गंगे, गंगा जी, जीवनदायिनी गंगा. इन संबोधनों से पुकारी जाने वाली नदी गंगा का स्वच्छ और निर्मल जल अचानक से हरा हो गया है. गंगा के पानी का यूं रंग बदलना ना सिर्फ गंगा के किनारे रहने वालों के लिए चिंता का कारण है बल्कि वैज्ञानिक भी इस स्थिति से परेशान हैं.

दरअसल उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद हजारों शवों को नदी किनारे दफन कर दिया गया या फिर उसे नदी में प्रवाहित कर दिया, जिसकी वजह से भी लोग परेशान और चिंतित हैं कि कई पवित्र नदी का जल भी इस वायरस के प्रकोप में नहीं आ गया. हालांकि जल विशेषज्ञ इस बात से इनकार कर चुके हैं.

इंडिया टुडे में छपी खबर के अनुसार वाराणसी के कई घाटों पर गंगा नदी का पानी हरा हो गया है. साथ ही कई अन्य नदियों का पानी भी हरा होता देखा गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार अगर पानी का रंग ज्यादा दिनों तक हरा रहा तो यह पानी को जहरीला बना सकता है.

वाराणसी के अलावा यह उन शहरों के लिए भी चिंता का विषय है जहां से होकर यह पवित्र नदी बहती है. बारिश के मौसम में तालाबों और झीलों से काई और लाइकेन के भारी प्रवाह के कारण गंगा हल्की हरी हो जाती है. पहले यह स्थिति कुछ घाटों पर देखी जाती थी लेकिन इस बार यह सब जगह देखी जा रही है. इससे बदबू आ रही है और लोग इससे परेशान हैं.

मालवीय गंगा रिसर्च सेंटर, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बीडी त्रिपाठी का कहना है कि गंगा नदी के पानी का हरा होना माइक्रोसिस्टिस शैवाल के कारण भी हो सकता है. यह शैवाल ज्यादातर बहते हुए पानी में देखा जाता है, लेकिन अमूमन यह गंगा में नहीं पाया जाता है. बीडी त्रिपाठी ने कहा कि गंगा में यह शैवाल आसपास के तालाबों से आ गया होगा जो बहकर निकल जायेगा, लेकिन अगर यह रूकता है तो परेशानी हो सकती है.

Also Read: वैक्सीन की दोनों डोज अगर अलग-अलग कंपनियों की लग जाये तो चिंता को कोई बात नहीं, यह सुरक्षित है- नीति आयोग के सदस्य डाॅ वीके पाॅल ने कहा

वैज्ञानिक डाॅ कृपा शंकर राम ने कहा कि गंगा के पानी में शैवाल बारिश की वजह से दिख रहा है. हमें बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, यह एक प्राकृतिक स्थिति है, जो मार्च से मई महीने में नजर आती है. हालांकि जहां पर शैवाल ज्यादा होते हैं वहां का पानी जहरीला हो जाता है और वहां नहाना सुरक्षित नहीं इससे कई तरह की बीमारियां हो सकताी हैं.

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें