Chandra Grahan Lunar Eclipse 2021 Date and India Timings LIVE Streaming Online: साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण ( lunar eclipse 2021) आज यानी 26 मई 2021 को लगने जा रहा है. इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की है. इस दौरान 14 मिनट का पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा और 2 घंटे 23 मिनट तक आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा. चांद खून जैसा लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे Red Moon या Blood Moon भी कहते हैं.
वैशाख पूर्णिमा (Budh Purnima) पर चंद्रमा लगभग 7 प्रतिशत बड़ा दिखेगा. आकार के अलावा इसमें अन्य दिनों के मुकाबले चमक भी अधिक होगी. इसके बाद फिर अगला चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा. आइए जानते हैं इस चंद्रग्रहण के बारे में डीटेल से; साथ ही यह भी कि चंद्र ग्रहण कब, कहां, कितने बजे और कैसे दिखाई देगा-
साल का पहला चंद्र ग्रहण बुधवार 26 मई को लग रहा है. इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है. चंद्र ग्रहण की घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही घटित होती है. ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है. इसके प्रभाव से मौसम में बदलाव होता है. विज्ञान अनुसार ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो विशेष परिस्थितियों में घटती है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है, तो उस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं, क्योंकि थोड़ी देर के लिए सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता और इससे चांद की सतह पर अंधेरा छा जाता है. लेकिन चांद कभी पूरी तरह से काला नहीं होता है. यह खून जैसा लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे Red Moon या Blood Moon भी कहते हैं.
चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, दक्षिण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अलास्का, अटलांटिक और अंटार्कटिका के क्षेत्रों में दिखाई देगा. इन जगहों पर पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा. भारत में इसे उत्तर पूर्वी क्षेत्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अंडमान निकाेबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों से देखा जा सकेगा, अगर मौसम साफ रहा तो. हालांकि भारत में यह चंद्र ग्रहण उपछाया की तरह ही दिखेगा.
उपच्छाया या उपछाया चंद्र ग्रहण उस स्थिति को कहते हैं, जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही बाहर निकल जाता है. उपच्छाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. इस ग्रहण के समय चंद्रमा के रंग और आकार में कोई भी अंतर नहीं आता है. चांद पर बस एक धुंधली-सी छाया नजर आती है. खगोलीय विज्ञान के अनुसार, वास्तविक ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूरज के बीच पृथ्वी आ जाती है और सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती, इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं.
धरती की परछाई के पीछे जब चंद्रमा पूरी तरह से ढक जाएगा, तब इस पर सूरज की कोई रोशनी नहीं पड़ रही होगी. यह अंधेरे में चला जाएगा. लेकिन विज्ञान कहता है कि चंद्रमा कभी पूरी तरह से काला नहीं होता है. यह लाल रंग का दिखने लगता है. ऐसे में कई बार पूर्ण चंद्र ग्रहण को लाल या खूनी चांद भी कहते हैं.
चंद्र ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा. इसकी शुरुआत दोपहर 2 बजकर 18 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति 7 बजकर 19 मिनट पर. यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जिसकी कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की होगी. भारत में इस चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकेगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण के समय चांद सामान्य पूर्णिमा के चांद की तरह ही नजर आता है. इस ग्रहण को देखने के लिए विशेष तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है.
सूर्य ग्रहण के मुकाबले चंद्र ग्रहण हानिकारक नहीं होता है. आप चाहें तो इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं. चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित होता है. अगर आप इस रोचक और दिलचस्प आकाशीय घटनाक्रम को नजदीक से देखना चाहते हैं, तो आप टेलिस्कोप की मदद ले सकते हैं. ये उपछाया चंद्र ग्रहण है इसलिए इसे देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्यूइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) का प्रयोग करना होगा.
अगर आपके पास टेलिस्कोप या सोलर फिल्टर ग्लास नहीं है, तो आप आसानी से अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर चंद्र ग्रहण को आसानी से ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं. कई यूट्यूब चैनलों पर चंद्र ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग की जाती है. Slooh और Virtual Telescope चैनल इस घटना को लाइवस्ट्रीम करने के लिए मशहूर हैं.