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सरायकेला के आदित्यपुर में प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक गिरफ्तारी मामले ने पकड़ा तूल, पूर्व मंत्री सरयू राय ने पूछे सवाल, पढ़ें पूरी खबर

Jharkhand news (आदित्यपुर, सरायकेला- खरसावां) : झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ हॉस्पिटल के संचालक डॉ ओपी आनंद को सरायकेला पुलिस ने सोमवार सुबह न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. डॉ आनंद को पुलिस ने रविवार शाम गिरफ्तार किया था. डॉ ओपी आनंद पर सरकारी काम में बाधा डालने, स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने समेत अन्य मामलों को लेकर सिविल सर्जन एवं मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर केस दर्ज कराया गया था.

Jharkhand news (आदित्यपुर, सरायकेला- खरसावां) : झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ हॉस्पिटल के संचालक डॉ ओपी आनंद को सरायकेला पुलिस ने सोमवार सुबह न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. डॉ आनंद को पुलिस ने रविवार शाम गिरफ्तार किया था. डॉ ओपी आनंद पर सरकारी काम में बाधा डालने, स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने समेत अन्य मामलों को लेकर सिविल सर्जन एवं मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर केस दर्ज कराया गया था.

इधर, डॉ ओपी आनंद पर जिला प्रशासन का शिकंजा कसे जाने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है. झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने कई सवाल उठाये हैं. उन्होंने जमशेदपुर स्थित बंद कांतिलाल हॉस्पिटल में चले रहे एडवांस डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक कौन हैं, इसका जवाब जिला प्रशासन से मांगा है.

डॉ आनंद पर लगे आरोप

पुलिस के मुताबिक, 111 111 सेव लाइफ हॉस्पिटल के संचालक डॉ आनंद की गिरफ्तारी इलाज के दौरान मौत हो जाने पर मृतक के परिजन द्वारा डॉ आनंद पर अधिक राशि लेने व इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. वहीं, दूसरी ओर सिविल सर्जन द्वारा जांच करने के दौरान सहयोग नहीं करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी मामले में डॉ आनंद को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी.

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डॉ आनंद के घर में एंबुलेंस से मिलीं 123 तरह की दवाएं

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ अमर्यादित बयान देने के बाद विवाद में आये 111 सेव लाइफ हॉस्पिटल के संचालक डॉ ओपी आनंद के घर पर सोमवार को ड्रग कंट्रोलर विभाग ने छापेमारी की. इसमें अवैध रूप से इकट्ठा कर एंबुलेंस में रखी गयी भारी मात्रा में दवाइयां जब्त की गयी. यह दवाइयां एक एंबुलेंस में रखी हुई थी. इस संबंध में जानकारी देते हुए छापेमारी का नेतृत्व कर रहे ड्रग इंस्पेक्टर कुंज बिहारी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि हॉस्पिटल में भारी मात्रा में दवा जमा किया हुआ है. इसके बाद टीम सबसे पहले अस्पताल गयी, लेकिन वहां दवा नहीं मिली. उसके बाद जानकारी के आधार पर घर पर छापेमारी की गयी, जहां दवाइयां जब्त की गयी.

श्री बिहारी ने बताया कि एंबुलेंस डॉ आनंद के नाम से रजिस्टर्ड है. गैरेज भी डॉ आनंद का ही है. इस मामले एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत अभियोजन दायर किया जायेगा. छापेमारी टीम ने बताया कि विभाग ने भारी मात्रा में पहले से इस्तेमाल किये गये 123 तरह की लाइफ सेविंग दवाइयां जब्त की गयी, जिसकी कीमत करीब लाखों रुपये बतायी जा रही है.

उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान डॉ आनंद की ओर से दवाइयों के बारे जानकारी किसी ने भी नहीं दी. एक्ट के तहत उक्त मामला एक दंडनीय अपराध है. साथ ही बताया गया कि बिना अनुमति के दवाओं का खरीद- बिक्री और भंडारण करना ड्रग कंट्रोल एक्ट की नियमावली का उल्लंघन है. घंटों कार्रवाई के बाद विभाग ने सभी जब्त दवाओं की सूची तैयार कर आरआइटी थाना को सौंप दिया. छापेमारी टीम में ड्रग इंस्पेक्टर राजीव एक्का व जया कुमारी भी शामिल थे.

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कोविड व लाइफ सेविंग की थी दवाइयां

सभी दवाइयां कोविड व लाइफ सेविंग की जब्त की गयी. अधिकांश कोविड व लाइफ सेविंग की है. इसके अलावा भी इनमें अन्य दवाइयां भी थीं. दवाइयों का क्या उपयोग हो रहा था व कहां से लायी गयीं? इसकी जांच की जा रही है. दवाइयों के बैच नंबर के आधार पर जांच के बाद दोषी पाये जाने पर दवा रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

ओपी आनंद के परिजनों से मिले विधायक सरयू राय

डॉ आनंद की घटना सरकार को महंगी पड़ सकती है. उक्त बातें पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय ने डॉ आनंद के आवास पर परिजनों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल प्रबंधन पर अत्याचार हो रहा है. डॉ आनंद ने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे उन्हें एक अपराधी की श्रेणी में रखा गया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम जब जांच करने आयी थी, उन्हें सहयोग किया गया था, फिर बयान किस आधार पर बदल गया. इसमें लगता है कि सिर्फ इगो का ही नहीं कुछ और प्रोब्लम है.

श्री राय ने कहा कि घटना में मानवाधिकार का भी उल्लंघन किया जा रहा है. सरकार व प्रशासन को जितना करना था, उतना कर दिया, उसे जेल भेज दिया गया. अब मामला अदालत में जायेगा, वहां सुनवाई होगी. जहां दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई जब होती है तो लोकतंत्र में सरकार की छवि खराब होती है. श्री राय ने कहा कि धीरे-धीरे यह मामला सामने आयेगा तो पुलिस प्रशासन की विश्वनीयता पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा होगा. प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के लोग तथ्य पर नहीं चलेंगे तो यही लगेगा कि ये किसी के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं.

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जांच के नाम पर परेशान करने का प्रयास

111 सेव लाइफ हॉस्पिटल व इसके संचालक डॉ ओपी आनंद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय ने कार्रवाई के तरीकों पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि आदित्यपुर व जमशेदपुर का कोई भी हॉस्पिटल कितने दिनों में डॉ आनंद से मांगे गये 18 विषयों में सूचनाएं दे सकता है. उन्होंने यह भी प्रश्न किया कि उक्त कार्रवाई सूचना लेने का प्रयास है या परेशान करने का है.

श्री राय ने कहा कि सिविल सर्जन की अध्यक्षता में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत हॉस्पिटल की जांच 15 मई को की गयी. तीन सदस्यीय जांच टीम ने 17 मई को जांच प्रतिवेदन दिया. टीम ने कहा है कि हॉस्पिटल प्रबंधन ने जांच कमेटी को पूरा सहयोग दिया व सभी फाइलें दिखायी. इसके बाद 18 मई को नयी जांच समिति गठित की गयी. इस 8 सदस्यीय समिति ने हॉस्पिटल से 18 विषयों पर सूचनाएं मांगी. इसने 3 शिकायतकर्ताओं की शिकायत के आलोक में 19 को हॉस्पिटल में जांच की. समिति ने हॉस्पिटल प्रबंधन से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010, झारखंड स्टेट क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्यूलेशन) रूल 2013 के अंतर्गत 18 बिंदुओं पर पूछताछ की हॉस्पिटल प्रबंधन से 24 घंटे के अंदर उक्त बिन्दुओं पर साक्ष्य सहित उत्तर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

पराजित हो चुकी है राज्य सत्ता : डॉ आनंद

जेल जाने से पूर्व डॉ आनंद ने एक वीडियो वायरल किया है. इसमें कहा है कि निरंकुश राज्य सत्ता पराजित हो चुकी है. तमाम हथकंडे अपनाने को मजबूर है. जेल से निकलने के बाद विजयी की घोषणा की जायेगी.

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दवाइयां वैध हैं : परिजन

छापामारी के दौरान डॉ आनंद के परिजन ने बताया कि दवाइयां वैध है. उक्त सभी दवाइयां खुली हैं, उसे बेचा नहीं जा रहा था. उन्होंने बताया कि डॉ आनंद के खिलाफ हो रही जांच के कारण उन्होंने उक्त दवाइयों को रिटर्न करने के लिए एंबुलेंस में रखा था. लेकिन, समय नहीं मिलने के कारण वापस नहीं किया जा सका. दवाइयों से संबंधित सभी कागजात मौजूद है.

डॉ आनंद मामले में निष्पक्ष अनुसंधान हो : समिति

यादव समन्वय समिति ने डॉ ओपी आनंद के मामले में जिला प्रशासन से बिना किसी दबाव में आये निष्पक्ष रूप से अनुसंधान कर दूध का दूध और पानी का पानी करने का अनुरोध किया है. समिति के अध्यक्ष अजीत कुमार, शिवनाथ यादव, उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव, उमेश यादव व श्रीनिवास यादव ने कहा कि न्यायालय पर पूरा विश्वास है कि डॉ आनंद को शीघ्र न्याय मिलेगा.

सरयू राय की टिप्पणी से कांग्रेस में आक्रोश, बयानबाजी तेज

डॉ आनंद की गिरफ्तारी पर विधायक सरयू राय की टिप्पणी से कांग्रेस का आक्रोश सामने आ गया है. विधायक सरयू राय द्वारा डॉ आनंद की गिरफ्तारी को दुर्भावना से ग्रसित करार दिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने डॉ आनंद के पक्ष में सरयू राय के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. प्रवक्ताओं ने कहा कि सरयू कानून के जानकार हैं और उन्हें पता है कि गलत कार्यों को प्रश्रय देने वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज होता है. डॉक्टर आनंद का बचाव करने वालों की मंशा पर संदेह उत्पन्न होना स्वाभाविक है. विधायक सरयू राय राय मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सलाह देना कहीं से भी उचित नहीं है. मामले में पुलिस-प्रशासन कार्रवाई कर रहा है.

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उन्होंने कहा कि आरएसएस की पाठशाला से आये सरयू राय मनमाने तरीके से जो सर्टिफिकेट बांटने का काम करते हैं, वह इस सरकार में नहीं चलेगा. कोल्हान प्रवक्ता जम्मी भास्कर ने कहा कि श्री राय सिर्फ एक पक्ष को देख रहे हैं. गलत इलाज की परिजन शिकायत करते हैं और अगर प्रशासन कार्रवाई करता है, तो इसमें क्या गलत है.

Posted By : Samir Ranjan.

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