13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना के थर्ड वेब में बच्चों पर नहीं होगा असर, एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बतायी ये वजह…

ब्लैक फंगस कोई संक्रामक बीमारी नहीं है बल्कि यह ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस काॅन्फ्रेंस में उक्त बातें कहीं. उन्होंने कहा कि इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से ब्लैक फंगस, कैंडिडा और एस्पोरोजेनस इंफेक्शन लोगों को अपना शिकार बना रहा है.

ब्लैक फंगस कोई संक्रामक बीमारी नहीं है बल्कि यह ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस काॅन्फ्रेंस में उक्त बातें कहीं. उन्होंने कहा कि इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से ब्लैक फंगस, कैंडिडा और एस्पोरोजेनस इंफेक्शन लोगों को अपना शिकार बना रहा है.

रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह फंगस लोगों के साइनस, नाक, आंख के किनारे की हड्डियों में पाये जाते हैं और वहां से वे दिमाग में प्रवेश करते हैं. कभी-कभी यह लंग्स में भी पाये जाते हैं. उन्होंने कहा कि शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पाये जाने के कारण इन रंग अलग-अलग होता है.

रणदीप गुलेरिया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे लेकिन बच्चों के डाॅक्टरों के संघ ने कहा है कि यह तथ्यों पर आधारित नहीं है. ऐसा संभव है कि बच्चों पर इसका असर न पड़े इसलिए लोगों को डरना नहीं चाहिए.

डाॅ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना मरीजों में कुछ लक्षण बीमारी के तुरंत बाद देखे जाते है जिसे पोस्ट कोविड कहा जाता है. अगर वह लक्षण 4-12 सप्ताह तक दिखता है, तो उसे पोस्ट एक्यूट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है. अगर यह लक्षण 12 सप्ताह से अधिक देखा जाता है तो उसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है.

Also Read: 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन के लिए अब नहीं कराना होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, वैक्सीन सेंटर पर ही पूरी की जायेगी ये प्रक्रिया…

अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज लेने वालों की संख्या 14.56 करोड़ है. ये लोग 45 साल से अधिक के हैं. वहीं 1.06 करोड़ वैक्सीन 18-44 साल तक के लोगों को लगा है.

लव अग्रवाल ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में जानकारी दी कि अबतक देश में 19 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है, जो विश्व में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन ड्राइव है. अभी देश में लगभग दो करोड़ वैक्सीन का स्टाॅक है. सरकार रोज करोना जांच को बढ़ाने की ओर अग्रसर है और हमें सफलता भी मिल रही है.

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें