पटना. इस कोरोना महामारी ने हर किसी को सतर्क कर दिया है. इस दौरान लोग न सिर्फ अपने घर परिवार और बच्चे की फिक्र कर रहे हैं, बल्कि अपने पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित हैं. खास कर डॉगी की बात करें, तो लोग ज्यादा सतर्क हैं.
पटना में कई ऐसी फैमिली हैं, जिनके पास दो से तीन डॉगी हैं. उन्हें भी संक्रमण का खतरा है. विशेषज्ञों के मुताबिक स्ट्रीट डॉग या पेट डॉग से भी संक्रमण का खतरा हो सकता है. इसलिए समझदारी है कि अपने पेट्स के स्वास्थ का भी ख्याल रखा जाये.
पालतु पशुओं में कोविड संक्रमण मनुष्यों द्वारा फैलने का खतरा होता है. हाल ही में हैदराबाद जू में आठ एशियाइ शेरों की आरटीपीसीआर जांच करवायी गयी, जिसमें दो शेर पॉजिटिव मिले. हालांकि सभी रिकवर हो गये थे.
डॉक्टर्स का कहना है कि अभी के माहौल को देखते हुए पेट्स लवर को अपने पेट्स का पूरा ख्याल रखना होगा. जिनके घर में पालतू कुत्ते या बिल्लियां हैं और परिवार में किन्हीं को कोरोना हुआ है. ऐसे में पेट्स को भी अलग रखना बेहद जरूरी है. संक्रमित पेट्स से तब तक अलग रहें, जब तक वे निगेटिव न हो जाएं.
ऐसे माहौल में पेट्स लवर अपने पेट्स का ऑक्सीजन लेवल जांच करवा रहे हैं. खजांची रोड के मनीष कहते हैं कि मेरे घर में दो पेट्स है. दोनों को सुबह और शाम वॉक कराने ले जाता था, लेकिन अभी यह सही नहीं है. मैंने अपने साथ-साथ डॉगी का भी ऑक्सीजन जांच कराया. कोरोना के लिए भी टेस्ट कराया था, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आयी. ऐसे कई लोग हैं, जो खुद के साथ-साथ अपने पेट्स के लिए भी कोविड गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं.
पशु चिकित्सक डॉ विकास शर्मा ने कहा कि अगर किन्हीं को कोरोना हुआ है, तो उस हाल में पेट्स वाहक का काम करेंगे. पेट्स को सांस से संबंधित समस्या हो सकती है. ऐसे में घबराने के बजाय पेट्स की भी जांच कराएं. इन दिनों डॉग भी घर में बैठे-बैठे चिड़चिड़े हो रहे हैं. इसके लिए उन्हें ग्रूमिंग करने की जरूरत है. ऐसे समय में अपने पेट्स को भी समय देने की जरूरत है. उसके साथ खेलने की जरूरत है, पर सैनिटाइज करते हुए.
Posted by Ashish Jha