15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लॉकडाउन ने झारखंड के किसानों की फिर तोड़ी कमर, खेतों में सड़ रही है फसल, कैसे भरेंगे बैंकों का कर्ज

जिसके बाद मैं परिवार के भरण पोषण के लिए खुद को किसान बनाया. खेती करने के लिए मेरे पास पूंजी नहीं थी. जिसके बाद मैं महिला मंडल व सगे-संबंधियों से पैसा कर्ज में लिया. दो अन्य साथी के सहयोग से मेरे द्वारा सात एकड़ में चार लाख रुपये की लागत से टमाटर की खेती की गयी. जिसके बाद मैं और मेरे दो अन्य साथियों के द्वारा जी तोड़ मेहनत की गयी. ताकि अच्छी फसल तैयार हो और हमें अच्छी आमदनी हो.

Jharkhand News, Gumla News बिशुनपुर : वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर सरकार के द्वारा निर्देशित लॉकडाउन जरूरी है. पर किसान परेशान हैं. तैयार फसल खेतों में सड़ रही है. कैसे भरेंगे कर्ज? सवाल कर रहे हैं किसान. हम किसानों की मदद क्या सरकार करेगी. बिशुनपुर के किसान बिंदेश्वर साहू ने लॉकडाउन की मार का दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि पिछली बार जब मार्च महीने में कोरोना को लेकर लॉकडाउन हुआ, तो मेरे द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल बंद हो गया.

जिसके बाद मैं परिवार के भरण पोषण के लिए खुद को किसान बनाया. खेती करने के लिए मेरे पास पूंजी नहीं थी. जिसके बाद मैं महिला मंडल व सगे-संबंधियों से पैसा कर्ज में लिया. दो अन्य साथी के सहयोग से मेरे द्वारा सात एकड़ में चार लाख रुपये की लागत से टमाटर की खेती की गयी. जिसके बाद मैं और मेरे दो अन्य साथियों के द्वारा जी तोड़ मेहनत की गयी. ताकि अच्छी फसल तैयार हो और हमें अच्छी आमदनी हो.

परंतु फसल तैयार हुआ ही था कि फिर से सरकार द्वारा कोरोना के कारण स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा कर दी गयी. जिसके बाद तैयार फसल को हम लोग बाहर नहीं भेज सके. जिसके बाद, मुझे लगा कि अपनी उपज को स्थानीय बाजार में बेच कर कुछ पूंजी वापस की जा सकती है. परंतु जैसे ही टमाटर को स्थानीय बाजार में लाया गया. टमाटर का रेट दो रुपये किलो हो गया. फिर भी खरीदार नहीं मिले. मजबूरी में मुझे टमाटर को फेंकना पड़ा है.

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें