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मुजफ्फरपुर में दो हजार से अधिक शिक्षकों की होगी निगरानी जांच, नियोजित के साथ नियमित शिक्षकों का भी होगा दस्तावेज चेक

मुजफ्फरपुर जिले के दो हजार 22 शिक्षकों की निगरानी जांच की जायेगी. इन शिक्षकों के नाम राज्य शिक्षा निदेशालय को भेज दी गयी है. इनमें सबसे ज्यादा मीनापुर के 928 शिक्षक हैं, वहीं मोतीपुर प्रखंड के एक भी शिक्षक नहीं हैं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत सिंह ने सभी जिलों से वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित हुए शिक्षकों के नाम मांगे थे. इन शिक्षकों के सभी दस्तावेजों की जांच की जायेगी.

मुजफ्फरपुर जिले के दो हजार 22 शिक्षकों की निगरानी जांच की जायेगी. इन शिक्षकों के नाम राज्य शिक्षा निदेशालय को भेज दी गयी है. इनमें सबसे ज्यादा मीनापुर के 928 शिक्षक हैं, वहीं मोतीपुर प्रखंड के एक भी शिक्षक नहीं हैं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक रणजीत सिंह ने सभी जिलों से वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित हुए शिक्षकों के नाम मांगे थे. इन शिक्षकों के सभी दस्तावेजों की जांच की जायेगी.

इस्तीफा दे चुके शिक्षकों की भी होगी जांच .जिन शिक्षकों ने इस दरम्यिान इस्तीफा दे दिया है, उन शिक्षकों के फोल्डर की भी निगरानी जांच होगी. इन शिक्षकों की भी सूची राज्य शिक्षा निदेशक को भेज दी गयी है. शिक्षा निदेशालय को भेजी गयी सूची में इस्तीफा दे चुके 90 शिक्षकों के नाम भी हैं. इसके अलावा जो शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं या सेवा काल में मृत हो गये थे उनकी जांच के लिए भी नाम भेजे गये हैं.

पोर्टल से बिहार बोर्ड उठायेगा फोल्डर .शिक्षा विभाग के पोर्टल पर शिक्षकों के दस्तावेज जमा करने के बाद इसे बिहार बोर्ड से लिंक कर दिया जायेगा. लिंक होने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति शिक्षकों के दस्तावेजों को उठा लेगी और जांच करेगी. शिक्षकों के इंटर, मैट्रिक , स्नातक और टीईटी के सर्टिफिकेट की जांच की जायेगी.

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निगरानी जांच में वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों के साथ नियमित शिक्षक भी जद में आयेंगे. शिक्षकों की सूची में ऐसे शिक्षकों के भी नाम हैं. कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो वर्षों से बिना अनुपति और सूचना के ड्यूटी से गायब हैं. इसके अलावा कुछ शिक्षक सेवाकाल में भी मृत हो चुके हैं,उनके दस्तावेज भी भेजे गये हैं.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष शिक्षकों के दस्तावेजों की निगरानी जांच सात वर्षों से मुजफ्फरपुर सहित पूरे बिहार में चल रही है. इस दौरान कई शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करते पाये जाने पर बर्खास्त भी हो चुके हैं तो कई पर एफआईआर भी हो चुका हैं. हालांकि इस जांच में कई बार पेंच भी फंसा है. निगरानी का कहना है कि शिक्षा विभाग से उसे पूरे फोल्डर नहीं मिले तो विभाग की दलील है कि उसने सारे दस्तावेज जमा कर दिये हैं.

सूची को एनआईसी पर अपलोड भी करना है. एनआईसी हमें इसके लिए पासवर्ड और आईडी उपलब्ध करा देगा. इसके बाद 31 मई तक शिक्षकों की पूरी डिटेल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जाना है. इसमें शिक्षकों के प्रखंड के नाम, नियोजन इकाई के नाम पिता या पति के नाम, नियुक्ति की तारीख औ ईपीएफ नंबर बताना है.

मो जमालुद्दीन,डीपीओ स्थापना,शिक्षा विभाग

प्रखंडवार शिक्षकों की सूची

मड़वन- 125

गायघाट-118

बंदरा- 97

मीनापुर- 928

साहेबगंज-88

सकरा-295

कटरा-68

सरैया-17

बोचहां-232

कांटी-5

पारू-3

मुशहरी-3

मुरौल-3

मोतीपुर-0

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