मुजफ्फरपुर. एक तरफ लोग कोरोना संक्रमण के डर से तनाव में हैं, वहीं दूसरी तरफ आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट की अलग-अलग रिपोर्ट आने से परेशान है. एंटीजन टेस्ट किट की रिपोर्ट कई बार सही नहीं आ रही है.
संक्रमित व्यक्ति की भी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, जबकि मरीज में कोरोना के लक्षण रहते हैं. हाल यह है कि जिले में कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद संक्रमित बेफ्रिक हो गये. लेकिन कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गयी.
कोरोना जांच को लेकर आइसीएमआर की स्पष्ट गाइडलाइन है. इसमें एंटीजन किट से जांच होने पर कोई व्यक्ति पॉजिटिव निकलता है तो वह पॉजिटिव माना जायेगा. इसके बाद मरीज को दूसरी कोई भी जांच नहीं करवानी है. लेकिन यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव निकलता है और उसमें कोरोना के लक्षण हैं तो आरटीपीसीआर जांच करवाना जरूरी है.
कुढ़नी पंचायत के वार्ड आठ निवासी अंगद कुमार साह को बुखार, सर्दी व गले में खराश था. उन्होंने तीन दिन बाद कुढ़नी सीएचसी में एंटीजन टेस्ट कराया. उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. इस बीच स्थानीय डॉक्टर से उन्होंने अपना इलाज कराया. लेकिन दो दिन के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी.
अचानक ऑक्सीजन लेबल गिरकर 80 पर पहुंच गया. आनन-फानन में परिजनों ने उन्हें शहर के अस्पताल में भर्ती कराया. वहां पर हुई जांच में रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी. उनका फेफड़ा 80 प्रतिशत से अधिक संक्रमित पाया गया. इलाज के दौरान उन्होंने गुरुवार की सुबह दम तोड़ दिया.
कुढ़नी निवासी कृष्णंनंदन पासवान ने सर्दी व खांसी, बुखार होने पर सीएचसी में एंटीजन किट से जांच करवायी. इसमें वे निगेटिव मिले. स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराया. दो दिन बाद ऑक्सीजन लेबल अचानक 50 पर पहुंच गया. परिजन उन्हें लेकर शहर के अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकले. लेकिन उन्होंने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
बंदरा प्रखंड के हरपुर गांव निवासी आशीष झा ने एंटीजन किट से 28 अप्रैल को अपनी जांच करवायी. इसमें वे निगेटिव पाये गये. 29 को उनकी तबीयत बिगड़ने पर शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जांच में वे पॉजिटिव पाये गये. 30 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.
Posted by Ashish Jha