New RTPCR Kit Detects SARS COV 2 Mutations देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का बड़े पैमाने पर असर दिखाई दे रहा है और लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर डर बना हुआ है. देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से दर्ज हो रही बढ़ोतरी के बीच इलाज के लिए अस्पातालों में बेड कमी समेत कोविड जांच के लिए इस्तेमाल किए जा रहे किट पर भी लगातार सवाल उठते रहे है. इन सबके बीच, कोरोना के खिलाफ जंग के लिए नए आरटी-पीसीआर किट के जल्द ही उपलब्ध कराए जाने की बात सामने आ रही है. जिससे कोरोना के खिलाफ जंग में सफलता हासिल करने में आसानी होगी.
जानकारी के मुताबिक, न्यू मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट से सार्स-कोव-2 म्यूटेसन की पहचान करने में आसानी होगी. इस किट को श्री चित्रा ट्रिन्यूअल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी), इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉरटेंस (आईएनआई) ने डिपास्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (भारत सरकार) के अंडर इसे विकसित किया है. बताया जा रहा है कि इस यूनिक आरटी-पीसीआर किट के आने के बाद कोरोना के खिलाफ जंग में जीत हासित करने में मदद मिलेगी. डीएसटी के सेक्रेटरी आशुतोष शर्मा के मुताबिक, इस किट में सार्स-कोव-2 की पहचान करने की क्षमता है.
यूनियन साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने मुताबिक, अनेकों अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आरडीआरपी और ओआरएफ1बी-एनएसपी14 जीन कोविड-19 की पहचान करने में बहुत ही संवेदनशील होते है. कोरोना की दूसरी लहर में आरडीआरपी और ओआरएफ1बी-एनएसपी14 जीन सटीक परिणाम दे सकते हैं. फिलहाल बाजार में इन दोनों को टारगेट करने के लिए कोई भी किट मौजूद नहीं है. नए आरटी-पीसीआर किट से इस मामले में बहुत मदद मिलेगी. साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय के मुताबिक, किट दो सार्स-कोव-2 जीन को टारगेट करता है.
आरटी-पीसीआर यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट के जरिए किसी वायरस के जेनेटिक मेटेरियल को जांचा जाता है. भारत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने के लक्षण होने पर भी आरटी-पीसीआर जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव आती है. हालांकि, सीटीस्कैन कराने पर मरीज की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव निकल जाती है. कई ऐसे मामले सामने आए है, जिसमें कोविड के नए वेरिएंट को आरटी-पीसीआर टेस्ट पकड़ नहीं पा रहा है. बताया जाता है कि सैंपल लेने के दौरान मरीज में कोरोना वायरस बहुत ही कम था. इस कारण भी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है. ऐसा भी बताया जा रहा है कि आरटी-पीसीआर गले में वायरस को पकड़ पाता है, लेकिन फेफड़ें के वायरस को नहीं पकड़ पाता और इसके लिए सीटीस्कैन का सहारा लेना पड़ता है.
Upload By Samir