असम में एक 70 वर्षीय कोरना मरीज ने आत्महत्या कर ली है. वह होम आइसोलेशन में था. असम के सिलचर की यह घटना है. मृतक रंगीरखारी इलाक में एक स्थानीय दुकान में काम करता था. वह अपनी 65 वर्षीय बहन के साथ एक कमरे वाले छोटे से फ्लैट में रहता था. बुजुर्ग की आत्महत्या के बाद जिला प्रशासन के ऊपर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों उस बुजुर्ग को होम आइसोलेशन की सलाह दी गयी जबकि उसके घर में अलग रहने के लिए जगह भी नहीं थी.
स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में शाम करीब 4:45 बजे पता चला जब पीड़िता की बहन ने मदद के लिए आवाज लगाई. जब वो घर के करीब गए तो उन्होंने देखा कि वह रो रही थी और कह रही थी कि उसके भाई ने आत्महत्या कर ली है. लोगों ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव था इसलिए लोग उनकी मदद नहीं कर पाये. इसके तुरंत पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया.
पीड़िता की बहन ने कहा कि उसका भाई संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लगाए गए लॉकडाउन से परेशान था क्योंकि इससे उसकी आय प्रभावित हुई थी. मृतक के बहन ने कहा कि पिछले शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से ही घर में आइसलेशन पर था. इसके बाद मंगलवार शाम शाम करीब साढ़े चार बजे वो वॉशरूम गयी, फिर जब बार निकली तो देखा की उनका भाई फांसी पर लटका हुआ है. बहन के कहा कि उसे समझ में नहीं आ रहा है कि उसने ऐसा क्यों किया और इस हालात में उसे अकेला छोड़कर चला गया.
पड़ोसियों के तुरंत मदद नहीं करने को लेकर मृतक की बहन ने कहा कि वो समझती है कि उसके पड़ोसी मदद करने के लिए क्यों नहीं आयो. कोरोना संक्रमित के करीब किसी का आना सुरक्षित नहीं था. हालांकि बुजुर्ग की मौत के बाद से ही स्थानीय लोग प्रशासन के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों जगह की कमी होने के बावजूद बुजुर्ग को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमती दी गयी. क्योंकि बुजुर्ग के साथ उसकी बहन भी थी, जो बीमार चल रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक उनके एक पड़ोसी उत्तम राय ने पूछा की ऐसे समय में जब सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है कि 50 वर्ष से अधिक की उम्र का कोई भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति घर पर नहीं रह सकता है. इस बुजुर्ग को किस आधार पर घर पर रहने की अनुमति मिली थी.
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने हाल ही में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को अपने अधिकार क्षेत्र में वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य की निगरानी करने का निर्देश दिया था. कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक घर में पर्याप्त संसाधनों वाले व्यक्तियों को ही घर आइसोलेशन की अनुमति दी जा सकती है. जबकि मृतक एक कमरे की रसोई वाले घर में रह रहा था. जहां उसके लिए अलग शौचालय तक की सुविधा नहीं थी. सिलचर सदर थाना प्रभारी दितुमनी गोस्वामी ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में भेज दिया गया है.
Posted By: Pawan Singh