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Coronavirus in Bihar : ब्लैक फंगस के बाद अब हैप्पी हाइपोक्सिया का कहर, कोरोना मरीजों का अचानक ऑक्सीजन घटने से जा रही जान, जानिये रोग के लक्षण

कोरोना काल में जहां एक तरफ ब्लैक फंगस पटना सहित पूरे बिहार में डॉक्टरों के लिए चुनौती बन रहा है, वहीं दूसरी तरफ हैप्पी हाइपोक्सिया कोरोना संक्रमित के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.

आनंद तिवारी, पटना. कोरोना काल में जहां एक तरफ ब्लैक फंगस पटना सहित पूरे बिहार में डॉक्टरों के लिए चुनौती बन रहा है, वहीं दूसरी तरफ हैप्पी हाइपोक्सिया कोरोना संक्रमित के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.

शहर के एम्स, आइजीआइएमएस व पीएमसीएच के कोविड वार्ड में इससे पीड़ित कई मरीज सामने आये हैं. इन मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, फिर एकाएक ऑक्सीजन का लेवल घटता चला गया और इलाज के दौरान बीमारी से पीड़ित मरीज की मौत हो गयी.

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना मरीजों में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखता. मरीज अपने आप को ठीक ही महसूस करता है. लेकिन अचानक ऑक्सीजन लेवल गिरने से स्थिति गंभीर हो जाती है.

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में हैप्पी हाइपाेक्सिया के कारण करीब पांच फीसदी मौतें हुई हैं. समय-समय पर शरीर के ऑक्सीजन स्तर की जांच करके बचा जा सकता है.

सुबह तबीयत खराब, अगली रात मौत

पूर्वी चंपारण के रहने वाले 38 साल के रवि कुमार सिन्हा की 14 मई को सुबह तबीयत खराब हुई. देर शाम तक हालत बिगड़ गयी. सांस लेने में तकलीफ होने लगी. पीएमसीएच में उनकी मौत हो गयी.

इसी तरह बहादुरपुर निवासी 27 साल के सौरभ कुमार की पांच दिन पहले तबीयत खराब हुई. परिजन पटना एम्स ले गये. जांच में संक्रमित मिले. इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. ऐसे कई केस आइजीआइएमएस और एनएमसीएच में भी आये हैं.

ये हैं रोग के लक्षण

  • होठों का रंग बदलने लगता है और होठ लाल से नीले पड़ने लगते हैं

  • त्वचा का रंग भी लाल या पर्पल दिखने लगता है. पसीने में भी पीड़ित व्यक्ति का रंग बदला हुआ नजर आता है

  • ऑक्सीजन का स्तर काफी कम होने पर सांस लेने में परेशानी होने लगती है

  • मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी से कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं. दिमाग भी चिड़चिड़ा होने लगता है

पटना एम्स के कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने बताया कि पिछले करीब 20 दिनों से एम्स में हैप्पी हाइपोक्सिया बीमारी के अधिक केस आ रहे हैं. इनमें कुछ की मौत हो रही है, तो अधिकांश मरीज ठीक भी हो रहे हैं.

डॉ संजीव ने बताया कि हैप्पी हाइपोक्सिया कोरोना का एक नया लक्षण है. इसमें संक्रमति मरीज को बुखार, खांसी, सर्दी, सांस फूलने की समस्या नहीं होती है, लेकिन अचानक ऑक्सीजन लेवल गिरने से मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है. हाइपोक्सिया किडनी, दिमाग, दिल और अन्य प्रमुख अंगों के काम को प्रभावित करता है.

आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल के मुताबिक, हैप्पी हाइपोक्सिया में फेफड़ों में खून की नसों में थक्के जम जाते हैं. फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और ब्लड में ऑक्सीजन सेचुरेशन की मात्रा कम हो जाती है. इससे दिल, दिमाग, किडनी जैसे ंग काम करना बंद कर सकते हैं.

Posted by Ashish Jha

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