पटना .भारत सरकार द्वारा राज्य में कोरोना जांच के लिए एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ाने के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी इस दिशा में नयी पहल की है. जांच के दायरे को बढ़ाने और अधिक संख्या में लोगों के कोरोना टेस्ट किये जाने के लिए अब राज्य की प्राइवेट लैबों और अस्पतालों को भी अनुमति मिलेगी. अभी तक कोरोना का एंटीजन टेस्ट सिर्फ सरकारी अस्पतालों के साथ कुछ चुनिंदा प्राइवेट संस्थानों को दिया गया था.
अब राज्य की सभी प्राइवेट लैबों व संस्थानों को इसकी जांच की अनुमति मिलेगी. निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डा नवीन चंद्र प्रसाद ने आइसीएमआर के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए सभी सिविल सर्जनों को रैपिट एंटीजन किट के माध्यम से प्राइवेट लैबों को जांच की अनुमति देने का निर्देश दिया है.
प्राइवेट लैबों को जांच की अनुमति के लिए जिले के सिविल सर्जन को प्राधिकृत किया गया है. इसके साथ सिविल सर्जनों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी प्राइवेट लैब को अनुमति देने के पहले कुछ आवश्यक शर्तों को सुनिश्चित करेंगे.
इसमें संबंधित प्राइवेट निजी चिकित्सा संस्थान या लैबोरेट्री में अनिवार्य रूप से पैथोलॉजिस्ट या माइक्रोबायोलॉजिस्ट होना चाहिए. संबंधित निजी संस्था में लैब टेक्निशियन एवं डाटा इंट्री ऑपरेटर का दो दिवसीय प्रशिक्षण संबंधित सदर अस्पताल में अनिवार्य कराया जाये.
पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा विवि गेस्ट हाउस को कोरेंटिन सेंटर में बदलने की मांग को विवि प्रशासन ने मान लिया गया है. सोमवार को कुलपति आवास पर हुई बैठक में उक्त निर्णय लिया गया. डिस्पेंसरी में नहीं अब बल्कि गेस्ट हाउस में ही कोरोना मरीज जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होगी, वहां उपलब्ध कराया जायेगा.
कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी स्वयं एक ऑक्सीजन सिलेंडर दान करेंगे. इसके अतिरिक्त जरूरी दवाइयां व अन्य सामग्री की खरीद करनी होगी. इसके लिए विवि फंड देगा. इसके अतिरिक्त कोई शिक्षक, छात्र व कर्मचारी अगर कोरोना के माइल्ड सिम्पट से ग्रसित है तो वह भी उक्त सेंटर में कोरेंटिन में रह सकता है. उसके लिए जरूरी दवाइयों का इंतजाम रहेगा.
पटना विश्वविद्यालय डिस्पेंसरी के द्वारा जब तक कि बेड की व्यवस्था नहीं होती है, तब तक तत्काल राहत के लिए वहां टेली काउंसेलिंग की व्यवस्था रहेगी.
Posted by Ashish Jha