SGB scheme 2021 : कोरोना महामारी के इस दौर में देसी-विदेशी निवेशकों के लिए सोना सबसे ज्यादा आकर्षक विकल्प के तौर पर उभरा है. इसमें निवेश करने पर जोखिम कम और पैसों का सुरक्षित रहने की गारंटी पूरा है. खासकर, सोना में निवेश करना तो और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाता है, जब सरकार की ओर से सस्ता सोना बेचा जाए.
इस समय भारत में सोना में निवेश करने का बेहतरीन मौका है, क्योंकि मोदी सरकार खुद सस्ता सोना बेचने जा रही है. आज सोमवार यानी 17 मई 2021 है और आज से ही मोदी सरकार निवेशकों को सस्ता सोना खरीदने का मौका देते हुए गोल्ड बॉन्ड जारी करने जा रही है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली बिक्री सोमवार से शुरू होकर 21 मई तक चलेगी.
मोदी सरकार का यह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितंबर 2021 के बीच छह किस्तों में जारी किए जाएंगे. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली किस्त के तहत 17 से 21 मई के बीच खरीद की जा सकेगी और 25 मई को बॉन्ड जारी किए जाएंगे. आइए, जानते हैं कि इसमें निवेश करने पर लोगों को कितना लाभ मिलेगा?
केंद्र की मोदी सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम ऐसे समय में लेकर आई है, जब सोना की घरेलू कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद करीब 8500 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ती हो गई हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की पहली सीरीज में सब्सक्रिप्शन 21 मई 2021 के बाद बंद हो जाएगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की ओर से गोल्ड बॉन्ड स्कीम की इस किस्त के लिए 4,777 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया गया है. गोल्ड बॉन्ड के लिए इंडियन बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा 999 शुद्धता के सोने के प्रकाशित सामान्य औसत बंद भाव पर आधारित है.
सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं. भौतिक सोने की मांग को कम करने और वित्तीय बचत में घरेलू बचत के एक हिस्से को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की गई थी.
आरबीआई की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, सरकार की ओर से जारी होने वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.
सरकार ने मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह किस्तों में बॉन्ड जारी करने का फैसला किया है. भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा. बॉन्ड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं.
सरकार की गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत हर आवेदन के साथ निवेशक का पैन होना जरूरी है. गोल्ड बॉन्ड बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (एनएसई और बीएसई) के माध्यम से बेचा जाएगा.
गोल्ड बॉन्ड स्कीम की सबसे खास बात यह है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है. साथ ही, उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है. इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है. इस पर तीन साल के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा). वहीं, इसका उपयोग लोन के लिए भी किया जा सकता है.
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Posted by : Vishwat Sen
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