15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बोकारो जनरल हॉस्पिटल में मरीजों के लिए देवदूत बनकर 24 घंटे खड़ी है 300 से अधिक नर्स, कई संक्रमित होने के बाद ठीक होकर दोबारा मरीजों की सेवा में जुटी

Jharkhand News (बोकारो) : 'लेडी विद द लैंप' रात के अंधेरों में लालटेन लेकर घायलों की सेवा करने वाली नर्स 'फ्लोरेंस निटेंगल' ने जो उदाहरण दुनिया के सामने प्रस्तुत किया, उसी को आधार बनाकर आज 300 से अधिक 'फ्लोरेंस' बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) में कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटी हैं. इनमें 197 स्थायी, 89 ट्रेनी व कॉन्ट्रैक्ट पर 30 शामिल है. एक तरफ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच जहां चारों और हाहाकार मचा है, वहीं ये नर्स धैर्य, स्नेह और दुलार के साथ हर मरीज के साथ आत्मीयता और सेवाभाव का रिश्ता निभाने में जुटी हैं. बीजीएच की कुछ तो ऐसी नर्स हैं, जो कि संक्रमित होने के बाद ठीक होकर फिर से उनकी सेवा में जुटी हुई हैं.

Jharkhand News (सुनील तिवारी, बोकारो) : ‘लेडी विद द लैंप’ रात के अंधेरों में लालटेन लेकर घायलों की सेवा करने वाली नर्स ‘फ्लोरेंस निटेंगल’ ने जो उदाहरण दुनिया के सामने प्रस्तुत किया, उसी को आधार बनाकर आज 300 से अधिक ‘फ्लोरेंस’ बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) में कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटी हैं. इनमें 197 स्थायी, 89 ट्रेनी व कॉन्ट्रैक्ट पर 30 शामिल है. एक तरफ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच जहां चारों और हाहाकार मचा है, वहीं ये नर्स धैर्य, स्नेह और दुलार के साथ हर मरीज के साथ आत्मीयता और सेवाभाव का रिश्ता निभाने में जुटी हैं. बीजीएच की कुछ तो ऐसी नर्स हैं, जो कि संक्रमित होने के बाद ठीक होकर फिर से उनकी सेवा में जुटी हुई हैं.

वर्तमान में बीजीएच की 30 से अधिक नर्स पॉजिटिव है. इनकी संख्या-घटती बढ़ती रहती है. इसके बावजूद सेवा कार्य में कहीं से कोई कमी का एहसास नहीं होता है. नर्स को सिस्टर ऐसे ही नहीं कहा जाता है. उन्हें कभी मां, तो कभी बहन की तरह मरीज की सेवा करनी पड़ती है. वह भी अब जब अपने परिजन भी कोरोना होने पर दूर भाग रहे हैं, तो अस्पतालों में सबसे बड़ी जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ पर ही है. उन्हें अपने परिजनों के साथ-साथ मरीजों की भी पूरी देखभाल करनी पड़ रही है.

मरीजों की सेवा करते हुए कई नर्स संक्रमित भी हुई

बोकारो जनरल अस्पताल ‘कोविड अस्पताल’ के रूप में कार्यरत है. यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कोविड संक्रमित मरीजों की जांच व इलाज में डाक्टरों के अलावा बीजीएच की नर्सिंग स्टाफ अहम भूमिका निभा रही है. मरीजों को दवा देने के साथ नर्स उन्हें व्यायाम भी करवा रही हैं. आइसीयू में मरीजों के आक्सीजन सेचुरेशन पर नजर रखने के साथ उन्हें जीवनरक्षक दवा देने की जिम्मेदारी भी संभाल रहीं हैं. मरीजों की सेवा करते हुए नर्सिंग स्टाफ की कई सदस्य संक्रमित भी हो गयी. इसके बाद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ. वह आज भी अस्पतालों में मरीजों के लिए देवदूत बनकर 24 घंटे खड़ी हैं.

Also Read: अच्छी खबर : पाकुड़ के मानिकापाड़ा गांव में ग्रामीणों के कड़े नियम से अब तक कोरोना संक्रमण की नहीं हुई इंट्री, गांव में आवागमन है सीमित
उद्देश्य हर मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंचे

कोरोना संक्रमण से मरीजों को बचाने के लिए बीजीएच में नर्स दिन-रात सेवाएं दे रही हैं. परिवार के सदस्य की तरह मरीजों की देख-रेख कर रही हैं. समय से दवा और खाना-पानी उपलब्ध कराने के साथ मरीजों का मनोबल भी बढ़ा रही हैं. हॉस्पिटल में मरीजों के लिए अपनों से बढ़कर सेवा दे रही हैं. उद्देश्य यह है कि हर मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच जाए. नर्स कोरोना काल में खुद अपने घर नहीं पहुंच रही हैं, कोई घर से आता-जाता भी है तो परिवार के सदस्यों से खुद को बिल्कुल अलग कर रखा हैै.

मरीजों को दवा की कम और सेवा की अधिक जरूरत

बीजीएच में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में नर्स अहम भूमिका निभा रही हैं. समय से दवा देना, उनके ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल देखना आदि. चिकित्सक मरीज को दवा बता देते हैं, लेकिन उस दवा को समय-समय पर देने का कार्य नर्स कर रही हैं. बीजीएच की नर्सों ने बुधवार को बताया : हमलोग मरीजों को अपने परिवार का समझ सेवा देते हैं. उन्हें जब अपनेपन का एहसास होता है, तब दवा तेजी से काम करता है. उनका मन हल्का रहता है. खासकर, इस महामारी के दौर में लोगों को दवा की कम सेवा की अधिक जरुरत है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें