कोलकाता (मधु सिंह): इक्कीसवीं सदी के 21वें साल का पहला चक्रवात ताउ ते (Tauktae Cyclone) देश के कई इलाकों में तबाही मचा सकता है. ऐसी आशंका जतायी जा रही है. कोलकाता के अलीपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया है कि अम्फान से तबाह हुए बंगाल में 2021 के पहले चक्रवात का क्या असर हो सकता है.
अलीपुर स्थित मौसम विभाग के निदेशक गणेश कुमार दास ने प्रभात खबर को बताया कि इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक के पहले साल का यह तूफान 2020 के अम्फान की तरह बंगाल में सक्रिय नहीं रह पायेगा. इसलिए बंगाल के लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है. अरब सागर से उठे तूफान की वजह से हवा में नमी आ गयी थी और इसलिए पिछले दिनों कुछ जगहों पर बारिश हुई.
श्री दास ने कहा कि लेकिन, जल्द ही स्थिति बदलेगी. अब बंगाल के लोगों को गर्मी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि तापमान में वृद्धि होने वाली है. उन्होंने कहा कि अम्फान तूफान बंगाल की खाड़ी से उठा था. उस वक्त अरब सागर में कोई गतिविधि नहीं थी और वह पूरी तरह से खाली था. इसलिए बंगाल में इतनी बड़ी तबाही मची थी. इस बार वैसे हालात नहीं हैं.
श्री दास ने कहा कि 2021 का पहला चक्रवात अरब सागर में उठा है. इसका बंगाल में कोई खास असर नहीं होगा. अभी कई दिनों से यहां बारिश हो रही है. लेकिन, आने वाले दिनों में अरब सागर का मॉइश्चर (नमी) बढ़ जायेगा और इसकी वजह से तापमान बढ़ेगा और लोगों को चिलचिलाती गर्मी का एहसास होगा.
क्लाइमेट रिसाइलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम्स प्रोमोशनल काउंसिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव ने बताया कि अरब सागर में लक्षद्वीप के पास गुरुवार (13 मई) को निम्न दबाव का क्षेत्र बना. 14 मई को लक्षद्वीप में डिप्रेशन का क्षेत्र बनेगा, जिसकी वजह से रविवार (16 मई) तक यह शक्तिशाली चक्रवात में तब्दील हो जायेगा. यह तूफान गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान के तट की ओर बढ़ेगा.
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ताउ ते तूफान के 18 मई की शाम को गुजरात के तट से टकराने की उम्मीद है. इसके पहले 16 और 17 मई को यह चक्रवाती तूफान केरल, तमिलनाडु, पश्चिमी कर्नाटक और महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों से होकर गुजरेगा. इस चक्रवात के असर से 13 मई को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों और महाराष्ट्र को छोड़कर देश भरमें बारिश होने की संभावना जतायी गयी है.
Posted By: Mithilesh Jha